________________ धर्मः | यं / केनेंदुः शिशिरीकृतः // 7 // इत्यादिनिर्व क्यैिः / श्लाघयित्वा कुमारकं // सानंदेन ततः / है स्तेन / विमानं प्रविकुर्वितं / / 73 // सकंकणप्रियायुक्तः / कुमारो नवकंकणः // कामदेव विमाने न / प्रातरेव समागतः // TH || स्वावासं सर्वलोकेन / वीदितः स्फारचक्षुषा // मृत्यैर्मिः कलत्रै 143 | श्च / सानंदमवलोकितः // 5 // युग्मं // पुंजीकृत्य धनं धान्यं / कामदेवो विसर्जितः / / कांतयोश्च कुमारेण | कृता ज्येष्टकनिष्टता / / // 6 // प्रदोषे कृतकर्तव्यः / काले सुप्तो निराकुलः // निशीथे खजमादाय / जने सुप्ते विनिर्ग: तः // 7 // दक्षिणां दिशमाश्रित्य / चलितो नरकेसर) // शनैः शनैरसौ गबन् / गतो दूरतरां नुवं // 7 // शृणोति मधुरं गीतं / कर्णपीयूषसन्निनं // तरुण्यास्यसमुद्भूतं / सप्ततंत्रीस्वरानुगं // // 5 // चचाल खरमार्गेण / मंदमदं नृपांगजः / / स्तोकांतरं गतेनाथ / ददृशे देवमंदिरं // 0 // श्रीखंडसारगंधेन / घाणाघाणकरं परं / जात्यश्रीखंडकाप्टेन / सर्वतोऽपि विनिर्मितं / / ए१ // रम्य. स्तंजसमाकीणे / शांतिनाथजगजुरोः // शांतकांतकृतानंद-बिंबेन तु विराजितं / ए२॥ पद्मरा. | गमयोत्ख-कलशेन ननःस्पृशा // वातोधूनध्वजैः शुत्रैः / समाकारितसझानं // 53 // चतु: PP.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust