________________ धर्म- हणंप्रति // 70 // युग्मं // एकया दशया कस्य / कालो गति देहिनः // विपदोऽनंतरा संपत् / / संपदोऽनंतरा विपत् / / 71 // मुद्रारत्नं गृहाणेदं / वरवविराजितं // एतेन ह्यंगुलिस्थेन / उर्जयो ऽसि महाहवे // 12 // सुगंधगंधगव्यूत-व्यापी ज्वरहरः पटः // धूपसाराभिधानोऽयं / कुमार क्रि. 142 यतां करे // 73 // प्रतिपन्नं कुमारेण / क्षेत्रपालप्रजल्पितं // सिधा च कामदेवस्य / विद्याथ बहु रूपिणी // 14 // कुमारकामदेवाभ्यां / कृतपूजो महाबलः // जगामादर्शनं तुष्टः / कामदेवोऽप्य भाषत / / 75 // तव संपर्कतः सिघा। विद्या मे बहुरूपिणी // अप्रवाःचिंत्यमाहात्म्याः / संतः क. स्पडमोपमाः // 16 // कामसंरोहिणी यामी / विद्या चाकाशगामिनी // सोपचारं यं दत्तं / कु माराय खगामिना // 9 // कृतस्तत्रैव वीवाहो / धनं चानाय्य कोटिशः // कर्पूरागुरुश्रीखंड-खं. मानां राशयः वृत्ताः // 70 // सपए यं पुरोभूय / जगादेदं ननश्वरः // कुमारावितथं विधि। व च्च्यहं यत्तवाग्रतः / / // एते वयमिमे चार्था / यदन्यदपि मामकं // प्राणा अपि त्वदीया मे। यथायोगं नियुज्यतां // 70 // विहितं केन सौरव्यं / पुष्पाणां केन वा कृतं // माधुर्यमीकुयष्टीनां / लीला च वरदस्तिनां // 71 / / जपकर्तु प्रियं वक्तुं / कर्तु स्नेहमकृत्रिमं / स्वजनानां स्वजावोऽ. | P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust