________________ धर्म | सः प्रनितो राझा। सर्वत्र कुशलं तव / / पृष्टव्यमेतदेवेढ् / चले यौवनजीविते // 6 // // युग्मं / / | प्रणम्य पितृपादेभ्यः / सस्नेहं जयसुंदर // मातुः पादग्रहं कृत्वा / तदंके निषसाद सा // 10 // | सानंदा सविषादा च / जगौ मलयसुंदरी // वत्से संक्षेपतः सर्व-मामूलाचरितं निजं // 71 / / निवेदय यथा वृत्तं / कौतुकं मम वर्तते // तयापि कथितं सर्व / ययावृत्तं तथादितः // 12 // यु. ग्मं // एतत् श्रुत्वा जगादेदं / माता मलयसुंदरी // यन्न दृष्टो विवाहस्ते / सखेदं तेन मानसं // // 73 // सुपातवरलानेन / मुमुदे च मनो मम // इत्युक्त्वा विरता राझी। प्रमोद नरमेदुरा / / // 7 // कृताशेषोपचारस्य / राझा मलयकेतुना // पुत्रादभ्यधिकं तत्र / दृश्यमानस्य सर्वदा // // // वव्रजुर्वासरास्तस्य / सुखितस्य प्रमोदतः // मनोवांछितवस्तूनां / तत्दणादेव योगतः // | // 16 // मृगनानिसमुत्पन्न-जात्येन मृगनानिना // वासिता शेषदिकचक्रः / सत्पुष्पकृतशेखरः |99 || कर्पूरपूरसन्मिश्र-सारश्रीखमचर्चितः॥ मृगनानेः कर्दमेन / कपोले कृतमंडनः / / 70 // आर्डकर्पूरहारेण / विराजितशिरोवरः // हारिहीरकसंकीर्ण-श्रवणासक्तकुंमलः / / 17 // निःश्वासोह्यमहामूल्य–सहस्त्रावृतविग्रहः // तांबूलबीटकाशून्य-करः कृतकुतूहलः // 70 // ललाटपट्ट PP.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust