________________ धर्मः / पृष्टौ लमा चकास्ति सा // 34 // अवांतरे समायातः / क्रोधांधीकृतलोचनः // कंपयन कर्तिकां दीका रौद्रां / योगावर्तकयोगिकः // 35 // श्राः पापे वंचयित्वा मां / कथमत्र समागता // पिवत्वतोऽद्य ते कोष्णं / शोणितं मम कर्तिका // 36 // कुमारेणापि निस्त्रिंशः / कोशादाकृष्य लोलया // कृ. तः करे करै नो-१र्दर्शश्चर्मचक्षुषां // 37 // एवंविधं न ते युक्तं / वक्तुं च योगिनः सतः // न जल्पंत्यपराधेऽपि / संतश्च कर्कशां गिरं // 30 // रे पाप प्रथमं तावत् / विवामि तव शोणितं // पश्चादस्याः करिष्यामि / नवखमं शरीरकं // 35 // इत्युक्त्वा धावितो योगी / वेगतः कुमरंप्रति // वाहिता कर्तिका तेन / वंचिता कुमरेण सा // 40 // हतश्च दक्षिणे बाहौ / कुमारेणापि यो गिकः // दृढमुष्टिप्रहारेण / पतिता कर्तिका त्रुवि // 41 // नूयोऽपि मुष्टिना पृष्टौ / प्रहतः पतितो खुवि विलदोऽलब्धलदाश्व / निरूपयन दिशो दिशः॥ 55 // योग्युक्तोऽथ कुमारेण / प्रोत्तिष्ट कुरु पौरुषं // पतिता न विराजते / रणनमौ महौजसः // 43 // जाणितश्चलचित्तेन / योगिना न रकेसरी // यदहं वच्मि तत्कार्य / कृतं पौरुषकर्मणा // 4 // अस्ति मे गारुमं दिव्यं / त्रसेतरविपापहं // द्वितीयमंजनं श्रेष्टं / तिरोधाननिबंधनं // 45 // गृहाणैतद् द्वयं येन / जायते मम नि. P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust