________________ . ___ अन्यदा प्रनितस्तेन / मां समुद्दिश्य केवली // नगवन् जयसुंदर्याः / कोऽत्र नर्ता जविष्य ति // 12 // स प्राह जुवनानंदी / रणकेसरिनंदनः // जदारचरितो वीरो / नाम्ना च नरकेसरी // // 13 // राकाचंद्र श्वाशेष-शुजशुभ्रकलालयः / / रूपातिशयसंपनः / सोऽस्या नर्ता गविष्यति॥ // 14 // युग्मं // ततः सुखेन तिष्टंत्या / गतः कालः कियानपि // अय हर्यतले सुप्ता / योगावतकयोगिना // 15 // सहसैव समानीता / मंत्रेणाकृष्य सत्वरं / श्मशानेऽतिमहारोडे / नृतप्रेतसमाकुले // 16 // युग्मं // तत्र मिगृहे मुक्त्वा / मां गतोऽसौ दुराशयः // योगिन्यपि गता कापि / या मुक्ता मम रदिका // 17 // विजनं वीदय नष्टाहं / श्रुत्वा बहुजनारवं // शनैः शनैः समा याता / प्रविष्टा काममंदिरे // 10 // प्रणम्य मदनं धारि / निर्गता शून्यमानसा // दणमेकं स्थि. तो याव-सहकारतरोरधः // 17 // विषमध्येऽमृताकारं / तावदृष्टं तवाननं // ततो हस्तिजयागीता / डुतमत्र समागता // 20 // कथितो यस्वया पृष्टः / स्ववृत्तांतो मयाखिलः // सांप्रतं श्रो. तुमिहामि / त्वदीयमपि मूलतः // 21 // कुमारेणापि निःशेषो / मातृपितृपुरादिकः // कथितो | निजवृत्तांतः / सानंदाजनि कन्यका // 25 // अहोऽनुकूलमाचीर्ण / योगावर्तकयोगिना // कारि . P.P.AC. Gunratnasuri M.S. JunGun Aaradhak Trust