________________ धर्मः | वंशगबरमध्यस्था / सलीनास्ते कुमारिका // 10 // युग्मं // विलोकिता कुमारेण / कुमारोऽपि त. या दृशा // दृष्टः सानंदया जात-स्तयोर्दृष्टिसमागमः // 1 // तद्दचनात्कुमारोऽपि / प्रविष्टो वंश गहरे / ससंत्रमा सशृंगारा ! संप्रवृत्ता मिथः कथा // 2 // दाणांतरेण विश्वस्ता / धृतानिमुखलो. 17 | चना // याविःकृतानुरागा च / पृष्टा सा तेन नामिनी // 3 // त्वं कस्यासि सुता बाले / सशोका केन हेतुना // एकाकिनी कथं जाता / यूथब्रष्टा यथा मृगी // 4 // किंवा नजति ते नाम / वर्णाः पूर्णमनोरथे // अंदृष्टेऽपि सतां प्रीति-जर्जायते सज्जने जने // 5 // तस्मै सा कययामास / सा. श्रुगनदया गिरा // दधत्यात्यंतमाधुर्य / चेतश्चोरणलदया // 6 // नदन्वता परिक्षिप्तः / सारश्री. खंडमंमितः // मरिचोजांतहारीतो / मलयोऽस्ति महीधरः // 7 // पुरं मलयसारं हि / तत्र सुरपुरप्रनं // मलयकेतुपाल--स्तत्पालयति हेलया // 7 // लीलयैव धरानार-धरणोऽधुरकंधरः // विरोधनारीणां / मुख्या लक्ष्मीस्विोत्तमा / / ए // सर्वांगसुंदराकारा | नाना मलयसुंदरी // प्रतिबिंबमिव स्त्रीणां / वेधसा सा विनिर्मिता // 10 // युग्मं // तदंगेतः समुत्पन्ना / नाम्नाहं जयसुंदरी / / / तत्रैव समये सिघाः / पितुर्युबितपार्थिवाः // 11 // P.P.AC. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust