________________ धर्म- लितानना // // सौकुमार्यादिवोदारा–लाध्यतां यांती निर्नरं // यौवनेन कृताश्लेषा / सी. | मा निःशेषयोषितां // 50 // गृहीत्वेवाखिलस्त्रीणां / लावण्यं जगदतं // कृतैषा वेधसा कर्तुमद्भुतं सावलौकिकं // 1 // कुलकं // . स्तश्चोन्मूलितालान-स्तंभो मदजलाविलः // पट्टहस्ती नरेंद्रस्य / क्रोधांधीकृतलोचनः // // 9 // त्रोटयित्वा च वस्त्रादि / विधूयाधोरणं तथा // पातयित्वा महीपीठे / मारयित्वातिरोषतः // 23 // मत्तो गुलगुलाराव-पूरिताखिलदिन मुखः // नंजनापणवेश्मानि / समुध्धृतकरः करी / / // 4 // विलोक्य जनसंचारं / श्रुत्वा तूर्यस्य निःस्वनं / / कामसुंदरमुद्यान-मनुवबाज वेगतः॥ // 55 // चतुर्भिः कलापकं / / तुरंगमगतैः पुंभि-विद्भिश्च पुरस्थितैः // हस्त्यागबति जो लो. का। यात यात दिशोदिशं // 6 // एतत् श्रुत्वा जनः सवः / प्राणानादाय सत्वरं // कोऽपि का. पि गतो यस्मा-ज्जीवानां जीवितं प्रियं // ए // सापि बाला जयोनांता / प्रविष्टा वंशगहरे // | वेपमानसमस्तांगा / लतेव पवनाहता / / ए // मेघनादो गतः कापि / नष्टो मलयसुंदरः // ए. | काकी पर्यटन प्राप्तः / कुमारो नरकेसरी // ए // यत्र सा जयसंत्रस्ता। हरिणीलोललोचना // | P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust