________________ धर्म पामलागंधमाघाय / श्रुत्वा कोकिलकूजितं // कांतैकशरणो यत्र / क्रियते कामिनीजनः / / // 3 // रम्यहर्म्यतलस्थेन / कुमारेण विलोकितः // विनिर्यन राजमार्गेण / सुनेपथ्योऽबलाजनः // 7 // मेघनादः कुमारेण / पृष्टः कोऽयं महोत्सवः // येनैष पिंडितो याति / स्त्रीजनो मम कथ्यतां // 70 // तेनाजाणि कुमाराद्य / कामदेवमहोत्सवः / / वर्तते सर्वलोकानां / मनःदोजवि. धायकः // 71 // तत्रायं स्त्रीजनः सर्वो / वस्त्राचरणऋषितः // गृहीतपुष्पधुपादिः / कामाराधनहेत. वे // 32 // चलितो गम्यते तत्र / यदि तेऽस्ति कुतूहलं // प्रतिपन्नं कुमारेण / गतास्तत्र त्रयोs. पि ते // 73 // युग्मं // नत्वा ते कामदेवाय / शेषामादाय शीर्षतः // परिमितुमारब्धा / उद्याने कामसुंदरे / / 4 // नवयौवनमारूढा / सखेदा शून्यमानसा // दृष्टैका कन्यका कांता / सह कारतरोधः // 5 // एकाकिनी सशोका च / सर्वावयवसुंदरी // तनूदरी विशालादी / लावण्यामृतदीर्घिका // 6 // बकुलामोदनिःश्वासा / पक्वबिंबसमाधरा // मुक्तपद्मालया देवी। पद्मेव वनमागता / / 77 // रिसंत्रमसंजात-निःश्वासोत्कंपितस्तनी // लावण्येनैव लिंपती / समस्तां का ननावनिं / / // पुष्पोपहारं कुर्वाणा / दृष्टिले पैर्मुहुर्मुहुः // निःश्वासाकृष्टमत्तालि-कुलव्याकु. P.P.AC. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust