________________ धर्मः | 2H // 35 // युग्मं // अनिषिक्तानि दिव्यानि / मंत्रिनिर्मडलेश्वरैः // हयेन हेषितं तत्र / शब्दितं का गंधहस्तिना // 36 // अभिषेकः कृतो लदम्या / वोजिते चारुचामरे // शिरस्यस्य स्थितं बलं / ख. | त एव महीयसः // 37 // युग्मं // गंधवारणमारूढः / प्रविष्टो नगरे नृपः // सिंहासने निषमस्य / मंत्रिनिर्ममलेश्वरैः // 30 // श्रेष्टिनिः सार्थवादश्च / स्वीकृतं तस्य शासनं // कृतेत्यखिनकर्तव्यो। विज्ञप्तो मंत्रिणा नृपः // 35 // युग्मं // यथा राज्यं तथा कन्यां / रत्नमालामिमां वरां // स्वीकुरु लक्षणोपेतां / कांतकांचनसन्निजां // 40 // विमृश्य वेधसा चेयं / मन्ये युष्मत्कृते कृता // इत्युः तो नरनाथोऽसौ / कन्यां तां परिणीतवान् // 41 / / युग्मं / / एकातपत्रमत्रस्तः / पालयामास हे. लया // गुणानुरक्तनिःशेष-लोकमुध्धृतकंटकं // 4 // संपूर्णरिजांडार / चतुरंगबलान्वितं // राज्यं ऋमिपतिरेष / रत्नसुंदरसंशकः // 43 // महामनरेंद्रस्य / मुक्तमालान्निधा सुता // स्वयंवरा समायाता / मुदा तेन विवाहिता / / 44 // नानाविधनिधानानि / दूरं पश्यति पार्थिवः / / दि. व्यांजनप्रजावेण / पूर्वपुण्यानुयोगतः // 45 // नानापुराकरग्राम-पत्तनेषु समंततः / / मंदिरैर्मद | राकार-ममिता तेन मेदिनी // 46 // कारिताश्च जिनेंद्राणां / तदंतः प्रतिमाः पराः // तध्ययनी P.P.AC. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust