________________ धम्मिः // 9 // तेनानायासलन्येन / शालिना रसशालिना // सवृत्तिं कल्पयामास / परकार्येष्वनादरी मा // 70 // दियमाणे सदा शालौ। कोशे च कृशतां गते // यदृष्टचारसंचारं। कोशाध्यदा नृपं जगुः // // मुमोच नृपतिस्तत्र / ततश्उन्नतरांश्चरान // तेऽपि काष्टकपोतानां / वृत्तं नृपमजि. 63 झपन् / / 70 // वैज्ञानिकशिरोरत्न-मयं कृतचमत्कृतिः // अहो बाहूयतामाशु / तानेवं भृदा| दिशत् // 1 // ते कपोतानुसारेण / चरंतश्चतुराश्चराः // पाहुः कोकासमोकःस्थं / नृपस्त्वामाब .. त्यांथी ते होलां निर्भयपणे चावलनो समुह लेश्ने मजुरोनीपेठे ते सुतारनी पासे याव्या. // 7 // एवी रीते विना प्रयासे मलता रसयुक्त चावलवडे करीने ते कोकास परनी नोकरीमां अनादरवाळो थश्ने पोतानी आजीविका चलाववा लाग्यो. // 7 // एवी रीते हमेशां चावल चोरावाथी ते कोठार ज्यारे नबो थर गयो, अने त्यां कोश्नी जाव श्राव जोवामां न यावी, त्यारे कोठारीए ते बावत राजाने जाहेर करी. // 7 // त्यारे राज़ाए त्यां पोतानां गुप्त माणसो रा. ख्यां, तथा तेनए पण राजाने ते काटनां होलाजनुं वृत्तांत जणाव्यु. // 7 // अहो! आश्चर्य करनारा तथा कलावंतोमा मुकुट सरखा ते माणसने जलदी बोलावी लावो, एम राजाए तेनने . P.P.AC. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust