________________ साधा ... धम्मि, येदिति // 72 // ततः प्रमुदितः कामं / कामधेनु कलावतां // जगाम जपतेर्धाम / स्थपतिस्तैः पुरस्कृतैः // 73 // साधिताशेषकाष्टौघा / दधाना वास्तवीं श्रियं / / नृप स्थपतिविद्येव / जीयाद्राज्य स्थितिस्तव // 4 // वास्तुविद्यानवद्यत्व-सूचनैर्वचनैरिति // प्रीणितः पृथिवीप्राणो। वर्धकिनाथ | सोऽवदत् // 5 // त्वं दृष्टश्रुतविज्ञानि-सीमासीमामतः शृणु // गिरं बुध विधेह्येवं / यंत्रं गगन हकम को. // 71 // त्यारे ते चतुर गुप्तपुरुषो ते होलानने अनुसारे जश्ने घरमा रहेला को. कासने कहेवा लाग्या के तने राजा बोलावे . // 7 // त्यारे ते सुतार अत्यंत खुशी थश्ने तेने अगाडी करी पोते कलावंतीने कामधेनुसरखा राजमंदिरमा गयो. / / 73 // हे राजन् ! जी. तेल ने सर्व दिशाननो समुह जेणे (साघेल ने सर्व काष्टोनो समुह जेणे ) सत्य लक्ष्मीने (वा. स्तुविद्यानी शोनाने) धारण करनारी एवी सुतारनी विद्यासरखी तमारी राज्यस्थिति जय पामो? // 4 // एवी रीते वास्तुविद्याना अस्खलितपणाने सूचवनारां वचनोथी कोकासे खुशी करेलो राजा बोल्यो के, // 79 // तुं जोयेला अने सांगळेला विज्ञानवाळानी अवधिसरखो गे, माटे हे चतुर! तुं मारुं वचन सांगल? एवी रीतर्नु आकाशमां चालनारं एक यंत्र तुं बनाव? // 6 // Jun Gun Aaradhak Trust P.P.AC.Gunratnasuri M.S.