________________ धाम्म | // सुतं त्वदिपरीतास्य / सुषुवे कथ्यमन्यथा // 30 // बहुप्रिया च या नारी / यो भृत्यो बहुनायकः // बहूबिष्टं च यत्रैदयं / तद्बुधः पखिर्जयेत् // 31 / / ततः स तुबधीर्भिवः / खने स्वमुखमैदत // राहुश्यामं विमालादं / लंबोष्टं नतनाशिकं // 35 // जातस्यापि ततस्तस्या–पश्यदास्यमसौ रसी॥ 635 | इंदुगौरं सरोजादं / विंबाकारोष्टमुन्नसं // 33 // पश्यन्नास्यविपर्यास-मसूनां नाशिनासिना // बु. लोव कदलीकांड-लावं शावं स निःकृपः // 34 // स्तेनैस्तदा तदादेशाद्-दृरं नीत्वोरुरज्जुनिः न होत तो तमाराथी विपरीत मुखवाळा पुत्रने ते केम जन्म आपे? // 30 // जे स्त्री घणा न तारखाळी होय, जे नोकर घणा शेठोवाळो होय, तथा घणानी एठी जे निदा होय तेनो मा ह्या माणसे त्याग करवो जोश्ये. // 31 // त्यारे ते तुब बुध्विाळा जिल्ले खम्मा पोतार्नु राहसर. खं श्याम, बिलामाजेवी.अांखोवायुं, लांबा होठवावु तथा नमेला नाकवा मुख जो. // 3 // पजी तेणे नत्सुक थश्ने ते बालकनुं चंद्रसर उज्ज्वल, कमलसरखी अांखोवाद्यं, पाकां टीमोरांसरखा होठवा तथा नंचा नाकवाबु मुख पण जोयु. // 33 // एवी रीते मुखनुं विपरीतपणुं जो. ने ते निर्दयं जिल्ले केळना रोपानीपेठे प्राणनाशक तलवारथी ते बालकने कापी नाख्यो. // P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust