________________ धम्मिः लंघयत // 7 // तावच्छश्राव शंखादि-वादितध्वनिमध्वनि // हयहेषासुचटदवेडा-दिवाग्वि गुणीकृतं // // ददर्श च ध्वजवातं / पुरस्ताचलदंचलं // वियत्तरंगिणीरंग-तरंगत्रमकारिणं / // 10 // स दथ्यौ ये मया चौराः / समरे प्राग्निजनिरे // तदैरात्किमसावेति / पुरस्तजातिजव्रजः 607 // 11 // श्रुत्वा तं तुमुलं नीते / कमलाविमले उन्ने // मयि जीवति मा भैष्ट-मित्यसौ प्रत्यबो धयत् // 12 // तदा परबलात्तत्र / परित्यक्ताखिलायुधः // सौम्यवेषसुरूपश्च / विपश्चित्कश्चिदाययौ ट्लीक वनचमि लंगी गयो, // // तेवामां तेणे मार्गमां घोडानना हेपारखोथी सुन्नटोना सिंहनादोथी तथा बंदीननी वाणीथी बेवडो थयेलो शंखयादिक वादिवोनो अवाज सांनब्यो. // // // वळी तेणे वागळ आकाशगंगाना उबळता मोजानना जम करावनारा चलायमान बे. मानवाळा पताकाना समुहने जोयो. // 10 // त्यारे धम्मिले विचार्य के पूर्व रणसंग्राममां जे चोरोने में मार्या बे, तेजना नातीलानो समूह तेजना वेस्थी शुं था सामो आवे ? // 11 // हवे तेननो ते कोलाहल सांजलीने कमला बने विमला बन्ने डरवा लागी, त्यारे तेणे तेनने कहूं के मारा जीवतां तमारे मरवू नहि. // 12 // एवामां त्यां ते सैन्यमांथी सघळां हथियारो लो. P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust