________________ अमित देवधरो नाता / शिवनृतेश्च कन्यसः // श्याय व्यवसायेन / कनकोपपदं पुरं // 70 // इत्यस्य नाग्यलन्यस्य / धाम्नि नंदस्य तस्थुषः // तत्र तस्याभवत्तेन / सत्रा मैत्र्यमकृत्रिमं // 11 // नाना. गुणधरं सोऽथ / सानंदो नंदनंदनं / / युवान वीक्ष्य योग्याय / तस्मै भ्रातृसुतां ददौ / / 72 // गतः एए| सिंहोऽपि वाणिज्ये / चंपायामिन्यसनवे // खसख्ये सूरदेवाय / मुदा स्वां नंदिनीमदात् / / 3 / / महाश्रियापि तस्थुष्या / तदा च स्वपितुर्गुहे / / स्वसखीसूनवेऽदायि / गुणचंद्राय सा कनी // 4 // थथ चंद्रपुरादागात / पूर्वसंचितसौहृदः // नाना महेश्वरदत्तः / श्रेष्टी युतिलकं पुरं / / 75 // त. गरमा गयो. / / 70 // त्यां नाग्यथी मळे एवा नंद नामना शेठने घेर रहेताथकां तेने तेनीसाथे | दिलोजान मित्रा थरु. // 71 / / हवे विविधप्रकारना गुणोवाळ ते नंदशेउना युवान पुत्रने जो इने योग्य जाणी तेनापते पोताना नाश्नी दीकरोतुं सगपण कयु. // 7 // वळी व्यापारमाटे चंपानगरीमां गयेला सिंहे पण पोताना मित्र सूरदेव नामना एक शेठना पुत्रवेरे हर्षयी पोतानी बहेननं वेवीशाल कीg. // 73 // हवे ते वखते पोताने पीयर गयेली महाश्रीए पण पोतानी ब. | हेनपणीना पुत्र गुणचंद्रसाथे पोतानी ते पुत्री- सगपण कयु. // 74 // वळी एवामां पूर्व करेली P.P.AC.GunratnasuriM.S. Jun Gun Aaradhak Trust