________________ धम्मिः // ए॥ अपुत्र एव दूरस्थः / समुद्रोऽयं व्यपद्यत / अपुत्रस्य गवत्येव / श्री राजकुलगामिनी // // ए३ // राजानुझां विनास्यौकः / प्रवेष्टुं तन्न युज्यते // सुलंघा ज्वलनज्वाला / दुर्खधं राजशा"| सनं // ए। // इति ते सहिताः सर्वे / भवनं त्रुभुजो ययुः // नास्थाने न च शुघांते / तैस्तदा५७३| प्रापि नृपतिः // 55 // राझौतरगः सकल-स्तैरपृनि परिबदः // पुनर्देवहतस्येव / तस्य शुहिं न कोऽप्यवक् // 6 // इतरेतरमालोच्य / तेऽय मंत्रिगृहं ययुः // न तत्र नोपपौक-स्तैर्लेने स: | रण पाम्यो , अने पुत्ररहित मनुष्यनी लक्ष्मी राजकुलमांज जाय . // 3 // माटे राजाना हु. | कमविना थाना घरमां जq लायक नथी, केमके अमिनी ज्वाला उलंगवी सारी, परंतु राजाना हुकमर्नु नलंघन करवू सारुं नथी. // 4 // एम विचारीने तेज सघला राजमंदिरे गया, परंतु सन्नामां के जनानामां क्यांय पण तेजने राजानो मेलाप थयो नहि. / ए५॥ त्यारे तेनए राजाना सघला खानगी परिवारने पूज्युं, परंतु जाणे को देव तेने हरी गयो होय नहि तेम को. श्ये पण तेना समाचार कह्या नहि. // 6 // पड़ी तेन परस्पर विचार करीने मंत्रिने घेर गया. परंतु त्यां तेमज राजसनामां पण ते ने मंत्री मब्यो नहि. // ए // त्यारे तेन सिंहदत्त कोट Jun Gun Aaradhak Trust PP.AC.Gunratnasuri M.S.