________________ धम्मि- // 7 // प्राग्वछा विनोदेन / जातो वेलाव्यतिक्रमः // सा तं स्नपयितुं स्नान-पीठेऽन्यस्मिमान्यवीविशत् / / 60 / / अर्घस्नाते गतस्तस्मिन् // द्वितीयः प्रहरो निशः / यस्तनिद्रस्तदा मंत्री / त. त्सम जनमाययौ // 61 // हारि खाटकारिते तेन / कपाटपुटके शनैः // किमेतदिति संत्रांत-खां. 276 तः पप्रन तामसौ // 6 // तया प्रोक्त महामात्ये / किं कर्त्तव्यतयाकुलः // कलाविक व श्येना तस्माद् बाढं विनाय सः / / 63 / / सोऽक्षेपि वेपमानोऽर्ध-स्नातो निष्णातया तया // घोरांधकारे पीएनक्ति देखाडवा मांमी. // 50 // पनी पूर्वनीपेठे वार्ता विनोदमांज वखत चाल्यो गयो, त्याखाद तेने स्नान कराववामाटे तेणीए बीजा बाजोठपर बेसाड्यो. // 60 // ज्यां ते घरधुं स्नान करी रह्यो एवामां रात्रीनो बीजो पहोर व्यतीत थयो, त्यारे निजा नडी जवाथी मंत्री गुप्त रीते तेणीने घेर श्राव्यो. // 61 / / पनी तेणे बारणामां धीरेथी कमाड ठोक्याथी या वळी शं? ए. म मनमां संभ्रांत थश्ने कोटवाळे तेणीने पूज्युं. // 6 // त्यारे तेणीए महामंत्री- नाम लीधा थी बाजथी जेम चकलो तेम तेनाथी ते अत्यंत डरखा लाग्यो. // 63 / / पछी ध्रुजता तथा अर्ध | करेल स्नानवाला ते कोटवालने ते चतुर शीलवतीए घोर अंधकारवाळा पेटीना बीजा खानामां। PP.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust