________________ धम्मि- प्य नित्योदयोऽनवत् // 41 // अमु केवलमालोक्य / रागमागान्नृणां गणः / / इति देहे दधौ है. मी / जुषां या न पुनः श्रिये // 42 // दधती गतिमारोह-ददोरुहनरालसा / / समुपेत्य समाच. ष्ट / कासि पृष्टेति तेन सा // 3 // अस्ति वैताब्यनमींद्र-दक्षिणश्रेणिषणं // अशोकपुरमस्तोक-लोकश्रीभासुरं पुरं // 44 // मेघसेनो नृपस्तत्र / वृत्रशत्रुसमस्थितिः // राझी शशिप्रना तस्य / शशिज्योत्स्नेव निर्मला // 4 // स्त्री- मुखपणुं पामीने चंद्र हमेशना नदयवाळो थयो . // 41 // केवल तेणीने जोश्ने लो. कोनो समुह राग पामतो हतो, एम विचारीने तेणीए सुवर्णनां थाऋषण धार्या हता, परंतु शोजामाटे धार्या नहोता. // 42 // प्रफुल्लित थता स्तनना नारथी मंद गतिने धारण करनारी एवी ते स्त्रीनी पासे जश्ने धम्मिले पूज्यु के तुं कोण बुं ? त्यारे ते बोली के–॥ 3 // वैताब्य पर्वतनी दक्षिणश्रेणिने शोजावनाएं तथा लोकोनी घणी लक्ष्मीथी देदीप्यमान थयेवं अशोकपुर नामर्नु नगर . // 44 // त्यां इंद्रसरखी स्थितिवाळो मेघसेन नामे राजा ने, ते. ने चंद्रनी कांतिसरखी निर्मल शशिप्रभा नामे राणी . // 45 // ते राजाने युगलीयांनीपेठे मे. P.P.AC. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust