________________ धम्मि- खत्वमशिश्रयत॥॥ न दृशापि सतीवेयं / पश्यत्यपरपूरुषं // ध्यात्वेति विद्ययागादं / मुख्यां योषित्तनूमहं // 3 // स्वसः श्वसिहि ते वार्ता-शुहिं पूजति धम्मिलः॥.मन्मुखेनेत्युपेत्याहं / ता. मनापं मनस्विनीं // 4 // नवन्नामश्रुतेर्मेघ गर्जेखि कलापिनी // प्रमोदमेदुरांगी सा / मामा. 111 | लिंगनं ददौं // 5 // कासौ कियत्परीवारः / कथं वा वर्त्तते प्रियः // सैवं शुहिं तवाप्रादी-दतृप्ते व मुहुर्मुहुः // 6 // आर्यपुत्रोऽस्ति चंपायां / पदं निःकंपसंपदां // मयेत्युक्ते मुखं तस्या / जिग्ये स्त्री सतीनीपेठे. यांखथी पण परपुरुषने जोती लांगती नथी, एम विचारीने में मारुं स्त्री- मुख्य रूप धारण कयु, // 3 // पनी में तेणीनी पासे जश्ने ते बुद्धिवाळी स्त्रीने कर्जा के, हे बहेन ! तुं धीरज राख? मारा मुखथी धम्मिल तारा कुशलसमाचार पूगवे . // 4 // श्रापर्नु नाम सांजलतांज मेघना गर्जाखथी जेम मयूरी तेम हर्षथी रोमांचित शरीरवाळी एवी ते वसंततिलकाए. मने आलिंगन याप्यु. // 5 // ते मारो प्रियतम क्यों ? तेनो केटलो परिवार ..? तथा ते शीरीते वर्ते ने? एवी रीते अतृप्तनीपेठे तेणीए वारंवार थापना समाचार पूया. // .6 // ते. आर्यपुत्र अ. तिसंपदाना नाजनरूप थयाथका चंपानगरीमां ने, एम में कह्याथी तेणीनुं मुख प्रफुल्लित कमलने Jun Gun Aaradhak Trust P.P.AC.Gunratnasuri M.S.