________________ धाम्मः / स तां प्रोवाच सुंदरि // मा मा ब्रूहि न कि पार्श्व / वीदसे कोपनं जनं // 7 // अनानोगेन | सार्थ | तन्नाम-ग्रहणे या पुराकुपत // तत्श्लाघां साधुना श्रुत्वा / तत्किं यन्न करिष्यते // 7 // कम | लाथ जगौ नाथ / किमेवं व्यज्यते नये // प्राणसर्वस्व विश्वस्तो / विश्वं तच्चरितं वद ।।जए॥ को७०० | तुकोत्तालचित्तासु / सन्यीतासु तास्वथ // धारनघम्मिलो वक्तु-मनुतां निजां कथां // ए० // अस्ति पौरश्रियोदये। कुशाग्रपुरपत्तने / नैकगाणिक्यमाणिक्यं / वसंततिलकान्निधा / / ए१॥श्रहं यांसि वर्षाणि / तस्या वेश्मन्यवास्थिषि // तलावण्यतरंगिण्यां / कलयन कलहंसतां // 7 // // 7 // अजाणतां तेणीनुं नाम लेवाथी पण जे था पूर्वे कोपायमान थर हती, ते तेणीनी ह. मणा प्रशंसा सांजळीने शुं नहि करे? // 7 // त्यारे कमला बोली के हे स्वामी! एम शामाटे जय प्रकट करोगे? हवे हे प्राणनाथ! आप विश्वास राखीने तेणीनुं सर्व वृत्तांत कहो? // 5 // पजी याश्चर्यथी उत्सुक थयेसी ते सघली स्त्री सनासदरूप थये ते धम्मिले पोतानी अनन वेली कथा कहेवा मांझी. // 50 // लोकोनी लक्ष्मीथी बागळ पडता कुशाग्रपुर नामना नगरमां / अनेक गणिका-मां माणिक्यसरखी वसंततिलका नामे गणिका बे. // ए१ // तेणीना लावण्य P.P.AC.Gunratnasuri M.S.. Jun Gun Aaradhak Trust