________________ धम्मि- / विद्यादेवीरिवामुचत् // 7 // श्रीचंद्रा 1 श्रीश्च 2 गांधारी 3 / श्रीसोमा 4 च विचक्षणा / / / श्यना 6 विजया 7 सेना 7 च / श्रीदेवी ए च सुमंगला 10 // // सोममित्रा 11 मित्रवती 15 / श्रीमती 13 च यशोमती 14 / / सुमित्रा 15 वसुमित्राहं 16 / मित्रसेनास्मि षोडशी // 70 // 65 सोऽत्रैव सरितस्तीरे / गहने वंशजालके // धूमपानरतो विद्यां / साधयन्नस्ति खेचरः / / 71 // त पसानेन सिघायां / विद्यायां परिणेष्यति // सर्वा अपि स नो रूप-गर्वखर्वितमन्मथः // 2 // त्वदने यन्मयाजपि / नेदं खमतिकल्पितं // किंतु गोष्टीरसे सवै / तथ्यं मया न्यगद्यत // 3 // शोल कन्याउने एकळी करीने तेणे था महेलमां राखी ने. // 70 / / श्रीचंद्रा, श्री, गांधारी, श्री. सोमा, विचदाणा, श्येना, विजया, सेना, श्रीदेवी, सुमंगला, || Jए / सोममित्रा, मित्रवती, श्री. मती, यशोमती, सुमित्रा, वसुमित्रा अने मित्रसेना नामनी हुँ शोलमी बु. // 70 // वली ते वि. द्याधर यहींज नदीकिनारे वांसनी घाटी कामीमां धूमपानमां रक्त थश्ने विद्या साधे . // 1 // रूपना गर्वथी हरावेल ने कामदेवने जेणे एवो ते विद्याधर aa तपथी विद्या साध्याबाद अमो सर्वने परणशे. // 2 // वली तारीपासे जे हुं या बोली बुं ते कई मारी मतिकल्पनाथी बोली। P.P.Ac.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust