________________ धम्मि| ध्यस्त / तत्पुरोधानमन्यदा // 64 // मुनि विवंदिषुर्जप-स्तत्रागात्सपरिबदः / नत्वा नृपे निविष्टे / च / विदधे देशनां मुनिः // 65 // सदानंदमयी मुक्ति-नगरीमाप्तुमुत्सुकाः // लिलंघयिषवो यूयं / जना यदि नवाटवीं // 66 // दानशीलतपोजावै–श्चतुर्भिश्चरणैः श्रितं // निषेधविधिसत्पा. ई-मत्पुरस्कृतवालधिं // 67 // वाग्रोधपट्टकाबह-गुरुगंभीरतोदरं // विवेकसुमहत्पृष्टं / विनय | स्कंधबंधुरं // 67 // मूलोत्तरगुणग्राम-स्फुरत्केसरमालिकं // सम्यक्त्वशीर्षमुत्सर्गा-पवादश्रुतिया| हि एवा धर्मघोष नामे मुनि पधार्या. // 64 // ते मुनिने वांदवानी हाथी राजा त्यां परिवारस हित गयो, तथा नमीने ते राजा बेगबाद मुनि धर्मदेशना देवा लाग्या के, // 65 // हे लोको! जो तमो हमेशां थानंदवाळी मुक्तिनगरीमां जवाने नत्सुक थया हो, तथा जो था संसाररूपी वनने जलंगवाने श्यता हो, // 66 // तो दान, शील, तप अने जावरूपी चार पगोवाळा, निषेध अने विधिरूपी बे पमखांवाळी आगळ धरेती लगामवाळा, // 67 // वचनगुप्तिरूपी तंगधी बां. घेला महागंजीरतारूपी जदरवाळा, विवेकरूपी मोटी पीठवाळा, विनयरूपी स्कंधथी शोजीता थये. | ला, // 67 // मूलगुण अने उत्तरगुणना समुहरूपी स्फुरायमान थयेली केशवाळीवाळा, सम्यक्त्व P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust