________________ धम्मि- रसं खं वृत्तमब्रवीत् // 55 // शृणु वैताब्यनामास्ति / गिरिौरतरयुतिः // चारतानां जिनेंद्राणां / / साई यशःपुंज श्वांगवान् // 26 // नीलवृदादारश्रेणि-रौप्यपत्रमिव ध्रुवं / / यो युगांतदणदीण-नर बीजाप्तये बभौ // 17 // मुख्योऽखिलेषु शैलेषु / भारतेषु बनार यः // सिघस्यायतनं रत्न-कि१०० | रीटमिव मूनि // 27 // तत्रास्ति दक्षिणश्रेणेः / श्रियं विश्राणयत्पुरं / सारं शंखपुरं शंख-सहः वी बं? // 55 // सारे ते पण प्रीतिरूपी फलोथी तथा अश्रुरूपी जलथी तेनी पूजा करतीथकी. अने वाणीथी खांमना रसने पण जोततीथकी पोतानुं वृत्तांत कहेवा लागी के, // 55 // सांजळ? जरतक्षेत्रमा उत्पन्न थयेला जिनेंडोनो जाणे देहधारी यशनो समुह होय नहि एवो अति. श्वेत कांतिवाळो वैताब्य नामे पर्वत . // 56 // लीलां वृदोरूपी अदरोनी श्रेणिवार्धा जाणे शा. श्वतुं रुपानुं पतरं होय नहि तेम युगांतवखते नष्ट थयेला मनुष्यरूपी बीजनी उत्पत्तिमाटे ते शो. नंतो हतो. // 57 / / भरतक्षेत्रना सघळा पर्वतोमा मुख्य एवो ते पर्वत पोताना मस्तकपर रत्नना मुकुटनीपेठे सिहायतनने धारण करतो हतो. // 27 / / त्यां दक्षिणश्रेणिनी शोगाने धारण करनारं तथा शंखसरखा गुणवाळा माणसोना समुहवाईं शंखपुर नामे मनोहर नगर . // 25 // PP A Guinzainas ir MS Jun Gun Aaradhak Trust