________________ धम्मि- ममायं जन्मन्नीरोः / कृपाणः पाणितच्युतः // 47 // असूषुपदथ स्वेन / यामिकत्वं प्रपद्य सः / / ज्व. साई | लितज्वलनाचांत-ध्वांते देवकुले प्रियां // 4 // जदिते नास्वति श्यामा-शुधिजिज्ञासया ततः // // आगतस्वजनस्याग्रे / निशावृत्तं जगाद सः // 4 // पत्नी न्यस्य रथे रूप-सपत्नीकृतमन्मथः॥ 188| पौरैः श्लाघितलाग्यश्री-निज धाम जगाम सः // 10 // भुंजानः सततं साकं / तया सांसारिकं सु. खं // सोऽन्यदा नृपतेर्देशा-द्ययौ दशपुरं पुरं // 11 // राजकार्य निवेद्यारि-दमनस्य नरेशितः श्ये, केमके जन्मधीज बीकण एवी जे हुं तेना हायमांधी या तलवार पडी गइ. // 4 // पनी अंगलदत्ते पोते जागता रहीने सळगावेल अमिथी दूर थयेल अंधकारवाला ते देवमंदिरमां पो. तानी ते प्रियाने सुवामी. // 7 // हवे सूर्योदय थयाबाद श्यामदत्तानी खबरअंतर जाणवामाटे यावेला स्वजनोपासे अगलदत्ते गत्रिनो वृत्तांत कही संजलाव्यो. // 45 // पनी रूपधी कामदे. वसरखो तथा नगरना लोकोथी वखणाती नाग्यलक्ष्मीवाळो ते. अगलदत्त पोतानी स्त्रीने स्थमा बेसाडीने पोताने घेर गयो. // 20 // त्यां हमेशां तेणीनी साथे सांसारिक सुख जोगववा ला| ग्यो. पछी एक दिवसे ते राजाना हुकमयी दशपुर नामना नगरमा गयो. // 51 // त्यांना अरि P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust