________________ धम्मिन गतः // बालाश्वस्तत्यजे प्राणैररक्ते कोऽवतिष्टते // 33 // कोऽपि देषी नरेंद्राय / तत्स्वरूपं न्य. रूपयत // खलैहि पूरितो लोको / मुत्कुणैरिख मंचकः // 34 // कल्पामिमिव कोपेन / नयन ही. नोपमां नृपः // आरदै राक्षसक्रूरै-महामात्यमबंधयत् // 35 // कषाया श्व पुण्योघं / गृहसारं 377 विबुंट्य ते // सकुटुंबं निजघ्नुस्तं / मारैर्नरकदारुणैः // 36 // गुप्तगात्रो निलीयास्था-दानंदो र. क्तकुंडके // क्लीवः स्वं धीवरात्त्रातु-कामः कूर्म श्वांनसि // 37 // ततोऽपि निशि निर्गत्य / धौ. पळताना फोतरांनीपेठे फिको पमी गयेलो ते वजेरो प्राणरहित थयो, केमके अरक्तपासे कोण रहे? // 33 // त्यारे कोश्क देषी माणसे राजाने ते वृत्तांत निवेदन कर्यो, केमके मांकडोथी जे: म मांचो तेम था जगत खलोथी नरेवु . // 34 // पनी कल्पांतकाळना यामिनीपेठे कोपथी नीचनी जपमाने प्राप्त थयेला राजाए रादाससरखा निर्दय पोलीसमारफते ते महामंत्रीने बंधाव्यो. // 35 // पजी कषायो जेम पुण्यना समुहने तेम तेजए तेना घरनी सर्व मिटकत खुंटीने नरक. सरखा जयंकर मारथी तेने कुटुंबसहित मारी नाख्यो. // 36 // ते वखते ते असमर्थ यानंद म. |बीमारथी बचवानी श्वावाळो काचबो जेम जलमां तेम रुधिरनी कुमीमां पोताना अंगोपांगतो P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust