________________ धम्मि- तं वीदय सहसा पित्रो-यो व्यवर्धत संमदः // तत्प्रथिम्णः पुरः पाथो-नाथोऽप्यचुबुकायत // 2 // माय तस्यागमं गिरिपुरे / पितृभ्यां बोधितो धनः // पदती अपि कृत्वा तं / दृष्टुमायुलकं दधौ // 3 // अथाह्वयनरैराप्तैः / स जामातुरनातुरः // पुरस्कृतसखः सोऽपि / तत्र पित्रेरितो ययौ // 4 // मयूरी. मिव वर्षौ / कोकीमिव दिनोदये // नृत्यंतीमुररीचके / गौरवात्स धनश्रियं // 5 // यदनोगउर्निदं / तस्या द्वादशवार्षिकं // धाराधर श्वाशेषं / तल्झुलोप स लोलुपः // 6 // हेतोः कुतोऽ. म्यो. // 1 // तेने अचानक श्रावेलो जोश्ने तेना मातपितानो जे हर्ष वृधि पाम्यो, तेना वि. स्तार थागळ समुद्र पण एक अंजलिसरखो थर गयो. // 2 // पनी तेना मावापे तेनुं श्राववं गि. रिपुरमा रहेला धनश्रेष्टीने जपाव्यु, त्यारे ते धनश्रेष्टी पांखो करीने पण ( त्यां जइ) तेने मळ. वाने उत्सुक थयो. // 3 // पनी तेणे हर्षित थश्ने पोताना मुनिमोने मोकली जमाइने बोलाव्यो, त्यारे पिताए प्रेरणा कर्याथी समुद्रदत्त पण पोताना मित्रोने अगाडी करीने त्यां गयो. ॥शा वर्षाऋतुमां जेम मयूरी तथा दिनोदयसमये जेम कोकी तेम अत्यंत खुशी थयेली. धनश्रीने ते. * पो श्रादरपूर्वक स्वीकारी. // 5 // हवे तेणीने जे बार वर्षीसुधी नोगोनो दुकाळ पड्यो हतो, ते | P.P.AC. Gunrainasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust