________________ Jug धाम्म- वसान दैववैवश्यात् / पूरयामि ततः परं // अरण्ये मालतीबाह-मुपनोगपराङ्मुखी // एy // त. | तो दृगंबुनिः कृप्त-कुब्या शब्यायितप्रिया // तेन सावादि कारुण्य-कोमलीन्तचेतसा // ए॥ यद्यादिशसि तगडे / ब्रांत्वा देशांतरादपि // श्रानयामि विवोढारं / तव वायुरिखांबुदं // एए / सा प्रत्युवाच यद्येवं / करोषि करुणापर / / तत्कस्त्वत्तोऽपरः प्राण-प्रदानप्रवणो मम // 5300 // वि. सृष्टोऽथ तया मंक्षु / गत्वावंती ननाम सः // कयास्मृतिपथानीत-तनुजौ पितरौ निजी // 1 // नपभोगरहित थश्यकी कर्मना विपरीतपणाथी हुँ मारा दिवसो पूरा करुं बु. // ए॥ एम कहीने ते शब्यरूप नर्ताखाली धनश्री अश्रुनी नीक चलाववा लागी, त्यारे दयाथी कोमल थयेला चित्तवाळा विनीते तेणीने कह्यु के, // 7 // हे नद्र! जो तुं कहे तो वायु जेम वरसादने तेम देशांतरमा भमीने पण हुं तारा जरिने शोधी लावू. / / एए // सारे तेणीए प्रत्युत्तर या. प्यो के हे दयाबु विनीत! जो तुं एम करीश तो पड़ी ताराशिवाय बीजो मने प्राणो देवामां प्र. वीण कोण थ शके? // 2300 // पड़ी तेणीए रजा यापवाथी ते जलदी अवंतीमां जाने ( पोताना यागमनना) समाचारथी याद करावेल ने पुत्र जेनने एवा पोताना मातपिताने P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust