________________ धम्मि| मविवेकिनः / / 53 // असिममायमन्याय-मस्य मृष्येन निश्चितं / / जाविवृत्तांतजिज्ञासुः / स्यां विघ्नाय न चेदहं // 4 // ध्यायत्येवं कुमारडे / किंकिणी सहसाऽपतत् // कांचीतः कांचनी त. स्या / नृत्यधूनितवर्मणः // 55 // जग्राह तां समीपस्थः / कुमारः करलाघवात् // खेटेरलदितो नाट्य-रसनिःस्पंददृष्टिनिः / / 56 // ब्रष्टैकदंता दंतालि-खि सालोकि मेखला / / नाट्यांते बा. लया शून्यां-तराला किंकणी विना // 7 // विदितामपि यत्नेन / किंकिणीमनवाप्य सा // पृ. अविवेकी विद्याधरने शं कहे ? // 13 // वळी हवे थनारा वृत्तांतने जाणवानी बावालो एवो. हूं जो आ समये विनरूप न होत तो मारी या तलवार खरेखर था विद्याधरना अपराधने सहन करत नहि. |एजेटलामां ते कुमार एवी रीते विचारे ने तेटवामां नृत्यथी चलायमान थयेला कनकवतीना शरीरपर पहेरेला कंदोरामांथी एक सोनानी घुघरी अचानक पडो गश्.॥॥त्या. रे पासे रहेला ते कुमारे हाथचालाकीथी ते घुघरी ले लीधी तथा नृत्यना रसमां लीन दृष्टि वाला ते विद्याधरो तेने तेम करतां जोर शक्या नहि. // 76 // पनी नृत्य कर्याबाद बच्चे एक | दांत पमी जवाथी देखाती दांतोनी पंक्तिजेवी एक घुघरीविनानी बच्चे खाली देखाती पोतानी क P.P.AC. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust