________________ Serving Jin Shasan 049553 ayanmandir@kobatirth.org // श्रीजिनाय नमः॥ // अथ श्रीधम्मिलचरित्रं नाषांतरोपेतं प्रारभ्यते // (द्वितीयो नागः) ( मूलकर्ता-श्रीजयशेखरसूरिः) भाषांतरकर्ता- श्रावक मनसुखलाल हीरालाल हंसराज. (जामनगरवाळा) हस्तायातखनाशेन / घातेनेव यमस्य सः // दोदूयमानोऽनुदिनं / व्यधात्तत्रापि रोदनं ॥ण्णा ग्रामाधिपस्ततस्तस्मै / शालेयं कृपया ददौ // धेनुं च रोहिणी नाम्ना / परार्या हि सतां श्रियः // __तथा त्यां पण ते हाथ थावेलां धनना नाशथी जाणे यमे पोताने मारी नाख्यो होय नहि तेम हमेशां दुजातो थको रमवा लाग्यो / एए // त्यारे ते गामना गकोरे तेने (दुःखी जोर९) एक खेतर बाप्यु तथा एक रोहिणी नामनी गाय पापी, केमके सज्जनोनी लक्ष्मी परोप. माटे होय . // 70 // एवामां वनना दावानलने नगश करनारो ज्यारे वरसाद थान्यो त्या Jun Gun Aaradi