________________ धम्मि- न्या तमयावत // 65 // तेऽपि तत्सौहृदय्येन / कलानिम्मिलस्य च // क्रीताः स्वाः स्वा ददः / मार्ग कन्या-स्तस्मै सौभाग्यशालिने // 66 // धम्मिलोप वयस्यैः स्वै—ोधयामास तान रहः // हं। हो अहमुढोऽपि / न मोदये साधुसंगति // 67 // विचारपयसां काम-गवीर्वाचो महात्मनां // | दुषयंत्यो न मे नार्यो / मार्जार्य व संमताः // 6 // वराणां शतमर्हति / कुमार्य इति वादिनः // अन्येन्य श्भ्यपुत्रेन्य-स्ते स्वपुत्रीददुस्ततः // 65 // अथो धनवसुस्तत्र / पुरेऽनृत् श्रेष्टिकुंज न्याने मागी. // 65 // तेनए पण तेनी मित्राश्थी तथा धम्मिलनी कलाजंथी वश थश्ने पो. तपोतानी कन्या ते जाग्यवान धम्मिलने आपी. // 66 / / परंतु धम्मिले पोताना मित्रो मारफते ते शाहुकारोने गुप्त रीते जणाव्यु के हुँ परण्याबाद पण मुनिजनो संग त्यजीश नहि. // 67 / / विचाररूपी दूधनी कामधेनुसरखी महात्मानी वाणीने दूषित करनारी बिलामीसरखी स्त्रीनने (प. रणवामाटे मारी) संमति नथी. // 67 // ( ते सांजळीने ) कुंवारी कन्या माटे सेंकडो वर म. की शके ने एम कही तेनए पोतानी पुत्रीनं बीजा शाहुकारोना पुत्रोने थापी. // 6 // // हवे ते नगरमां निरंतर दानथी ( मदथी) याचकोरूपी भमरानने खुशी करनारो हाथीसरखो धनवस P.P.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust