________________ चरित्रम् देवकीपुत्र - अर्थः-पछी घणा सन्मानपूर्वक ते देवने विसर्जन करीने कृष्णे देवनुं ते वचन कहीने परिवारसहित पोतानी माताने आनंदित करी.॥७२॥ तस्मिन्नेवदिने स्व-इच्युतस्ततः कोऽपि सुकृतवान् जीवः // देवक्याः कुक्षिदरि-मलंचकारणपतिवच्च // ___ अर्थः-पछी तेज दिवसे कोइक पुण्यशाली जीव स्वर्गमाथी चवीने, सिंहनीपेठे ते देवकीजीनी कुक्षिरूपी गुफाने शोभाववा लाग्यो. // 73 // . . सिंहं स्वप्ने दृष्ट्वा / देवी वसुदेवमालपत्स्वपति॥ सोऽप्याह सर्वगुणवान् / भविता तव देवि किल पुत्रः 74 ol. 'अर्थ:-पछी स्वममा सिंहने जोइने देवकीजीए ते हकीकत पोताना स्वामी वसुदेबजीनें कही, त्यारे तेमणे पण कर्दा के, हे देवी! तमोने खरेखर सर्वगुणसंपन्न पुत्र थशे..॥ 74 // प्रासत देवकी शुभ-लग्ने पूर्णवधौ सुतं रुचिरं / गजतालुकसुकुमालं / लावण्येनेव वरमालं // 75010 .. अर्थ:-पछी संपूर्ण समये शुभ लग्नमा देवकीजीए मनोहर, हाथीना तालवासरखा सुकुमाल, तथा लानण्यवडे | - करीने मनोहर ललाटवाळा पुत्रने जन्म आप्यो. // 7 // बहुमणिसुवर्णकोटि-व्ययेन वसुदेवश्चैव तत्सुनोः // दारवतीपुरि जन्मोत्सवं गरिष्टं च विदधाते // 76 // 26eeeeeeeeeeeee ESCEBOSSESSETTE SHRI H o son urtatnasuri M.S. aciosadivalilaya n andomhaninewhindistiane mmitmentinathailan Juri Gun Adach jo e tarinakalaSIA