________________ प्रस्तुत ग्रन्थ भीमसेन-चरित्र षड्रस से परिपूर्ण ऐसा सर्वोत्तम चरित्र ग्रंथ है / इतना ही नहीं, बल्कि आत्म- तत्त्व की प्राप्ति हेतु भव-निर्वेदकारक व अनेकानेक आत्म- गुण पोषक तथा दुर्गुणशोषक भाव प्रमुख एकमेव अद्वितीय ग्रंथ हैं। इसके प्रत्येक पृष्ठ व पंक्तियाँ नीति, न्याय, परोपकार, सेवा, सदाचार, क्षमा, तप, तितिक्षा, कर्म, उद्यम, सत्य, शील, श्रद्धा, स्वमान आदि सार्वजनीन सिद्धांतों का परिशीलन है / अंत में, संसार के सभी जीव प्रस्तुत ग्रंथ का पुनः पुनः पठन -वांचन व अध्ययन-मनन कर असत् तत्त्वों से मुक्ति प्राप्त करे, कर्म-मल से शुद्ध बने और स्वत्व को सदाचारों के माध्यम से सुविशुद्ध बना कर अक्षय पद . के स्वामी बने, बस इसी शुभाभिलाषा सह / P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust