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________________ અર્વાચીન ગુજરાતી કવિતામાં મૃત્યુનું નિરૂપણ * 511 प्रथम अध्याय, द्वितीय वल्ली श्रेयप्रेयविवेक 'भारतीय दर्शन' डॉ. राधाकृष्णन् भाग (श भारतीय दर्शनका विश्वविख्यात अध्यन (वैदिक-युगसे बौद्धकाल तक) राजपाल एन्ड सन्स दिल्ली-६. दूसरा संस्करण, १९६९फ अनुवाद स्व. नंदकिशोर गोमिल विद्यालंकरा गूजरात विद्यापीठ, अहमदावाद, कालिकाता विद्यापीठ, कलकत्ता. 'भारतीयदर्शन' डॉ. राधाकृष्णन भाग (2) भारतीय दर्शनका विश्व विख्यात अध्ययन (वैदिक युगसे बौद्धिकाल तक) राजपाल एन्ड सन्स - 1972 दिल्ली-६ अनु. स्व. श्री नन्दकिशोर गोमिल गूजरात विद्यपीठ, अहमदाबाद. कालिकत्ता विद्यापीठ - कलकत्ता. दूसरा संस्करण 1972. "मृत्यु रहस्य' पण्डित वेणीराम शर्मा गौड चौखम्मा संस्कृत संस्थान पो. बो. 1936 गोपाल मन्दिर लेन वाराणसी (भारत) 'मैं मृत्यु सिखाता हूँ आचार्य रजनीश संकलन, स्वामी, नरेन्द्र बोधिसत्त्व संपादन, स्वामी योगचिन्मय मोतीलाल बनारसीदास प्रधान कार्यालय, बंगला रोड, जवाहरनगर, दिल्ली-७. शाखाएं 1. चौक वाराणसी (उ.प्र.) 2. अशोक राजपथ पटना-४. जीवनजागृति केन्द्र, बम्बई. प्रथम संस्करण 1973 (ध्यान, मृत्यु और समाधि पर साधना शिबिर द्वारका (गुजरात) एवं साधनाचर्चा गोष्ठि बम्बई में दिये गये भगवान श्री रजनीशके बम्बईमें दिये गये भगवान श्री रजनीश के 15 प्रवचनों एवं ध्यान प्रयोगो का संकलन. 4. .P.P.AC. Gunratnasuri M.S. . Jun Gun Aaradhak Trust
SR No.036417
Book TitleArvachin Gujarati Kavitama Mrutyunu Nirupan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanumati Jani
PublisherParshwa Publication
Publication Year1998
Total Pages512
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size875 MB
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