________________ ORTANTRahan FORSECS REAPHYAYASADRISTRISTIA जैनग्रन्थरत्नाकर कार्यालयमें मिलनेव वाली कुछ पुस्तकें / बनारसीविलास-बनारसीदासजीकी समस्त कवितायो, फ और उन्हींका लिखा हुआ जीवनचरित सहित 1- र - वृन्दावनविलास-कविवर , वृन्दावनजीकी का - संग्रह ... ... .. ... ... 0-12-0 प्रद्यम्नचरित्र-सरल हिन्दी भाषाम ...2-12-0 सप्तव्यसनचरित्र-सात व्यसनोंके सेवन करनेवालोंकी : क्या दुर्दशा होती है यह सरल हिन्दी भाषामें विस्तार साथ दर्शाया है .... ... .....-:4- (र चचाशतक-सरल हिन्दी टीकासहित न्यायदीपिका- मूलसंस्कृत और सरल हिन्दी / टीका सहित ................. 0-12-0 / / मोक्षमार्गप्रकाश-बचनिका पं० टोडरमलजीकृत 1-12-0 / ज्ञानसूर्योदय नाटक-श्रीवादिचन्द्रसूरिके संस्कृत ग्रन्थका b. सरल हिन्दी अनुवाद .... .... .... 0-8-07 इनके सिवाय और भी सब जगहके छपे हुए जैनग्रंथ संस्कृत. हिन्दी, मराठीके हमारे यहां मिलते हैं / सर्व साधारणोपयोगी ( उत्तमोत्तम पुस्तकें भी बिक्रीके लिये हर समय मौजूद रहती हैं। 6 बड़ा सूचीपत्र मंगाकर देखिये। मिलनेका पता-जैनग्रन्धरत्नाकर कार्यालय हीराबाग पो० गिरगांव-बम्बई. XenSerSERS SASVERSASIRGERSAS RSOSOPESORSESCASTRASESex FerseTSEReserrserasecserverseaseerce reserosense resereved. ORSEVARS8 BARMA Scanned with CamScanner