________________ 026 श्री पञ्चाशक प्रकरण - 1 गुजराती भावानुवाद 'जेण'= ४२४थी 'पव्वयइ कोइ'= ओ श्रावधना मंतेडीक्षा से छे. 'तम्हा'= ते २९थी 'नो इह भणिया'= मा श्रावधर्मना अधिकारभतेने हीधी नथी. 'विहिसेसं'= प्रतपासनना उपाय३५ महीना तव्यो 'इमस्स'= श्रावन। 'वोच्छामि'= 380. // 40 // 1/40 निवसेज्ज तत्थ सड्ढो, साहणं जत्थ होइ संपाओ। चेइयघराइं जम्मि उ, तदण्णसाहम्मिया चेव // 41 // 1/41 छाया :- निवसेत् तत्र श्राद्धः साधूनां यत्र भवति सम्पातः / चैत्यगृहाणि यस्मिन् च तदन्यसाधर्मिकाश्चैव // 41 // ગાથાર્થ - જ્યાં સાધુઓનું આગમન થતું હોય, જ્યાં જિનમંદિરો હોય તથા જ્યાં સાધર્મિકો વસતા હોય ત્યાં જ શ્રાવક વસે. अर्थ :- 'निवसेज्ज'= निवास 42 'तत्थ'= ते क्षेत्रमा 'सडो'= नाम धविषयश्रद्धा छ ते श्राद्ध मेटरी श्राप 'साहूणं = यतिमानो 'जत्थ'= 4 क्षेत्रमा 'होइ संपाओ'= समागम थाय छे. 'चेइयघराई'= निहिरो 'जम्मि उ'= च्या 'तदण्णसाहम्मिया चेव'= तेना सिवायना भी साधर्मिी वसता होय. // 41 // 1/41 હવે શ્રાવકના જ રાત્રિ અને દિવસના કર્તવ્યોને આઠ ગાથામાં કહે છે : नवकारेण विबोहो, अणुसरणं सावओ वयाइं मे / जोगो चिइवंदणमो, पच्चक्खाणं च विहिपुव्वं // 42 // 1/42 छाया :- नमस्कारेण विबोधोऽनुस्मरणं श्रावको व्रतानि मम / योगः चैत्यवंदनं प्रत्याख्यानं च विधिपूर्वकम् // 42 // गाथार्थ :- (1) श्राप ना२ गत 8, (2) त्या२पछी हुं श्राप छु, भारे अभुतो छ मेम वियारे, (3) त्या२५छी (योग) भगभूत्रनो त्याग गरे शरीरसंधी या 43, (4) त्या२५छ। વિધિપૂર્વક ચૈત્યવંદન કરે, (5) ત્યારબાદ વિધિપૂર્વક પચ્ચક્ખાણ કરે. टार्थ :- शरीनिवाउन 29 भूत निद्रा सी माह 'नवकारेण'= पंयभंगगस्१३५ ना२मंत्रने गए। 43 'विबोहो'= ग. 'सावओ'= टुं श्री छु. अमु भगवंतनो शिष्य छु, अभु भाएं हुनछे वगेरे 'वयाई मे'= में तो जघा दीधा छ तेभ ओई मतियार साया नथी ने 'अणुसरणं'= स्म२४ . सम वियारे. 'जोगो'= शरी२ निर्वाहना 25 भूत भणभूत्रनो त्याग वगेरे शारीर मियामी 43. त्यामा 'चिइवंदण'= पोताना घरमा 4 थैत्यवहन रे, 'मो'= अव्यय थापूर्ति भाटे छे. 'पच्चक्खाणं च'= येत्यवहन या पछी नवा२शी पोरिसी साहि यथाशति पथ्य पाने 'विहिपुव्वं'= मागममा डेसी विधिपूर्व 43. // 42 // 1/42 तह चेईहरगमणं, सक्कारो वंदणं गुरुसगासे। पच्चक्खाणं सवणं, जइपुच्छा उचियकरणिज्जं // 43 // 1/43 छाया :- तथा चैत्यगृहगमनं, सत्कारो वन्दनं गुरुसकाशे / प्रत्याख्यानं श्रवणं यतिपृच्छा उचितकरणीयम् // 43 //