________________ संलग्न इतिहास 1-A. 1-B, 1-C से प्राप्त किया है 1-D जिसमें प्राचीन प्रतिमाओं का स्वरूप है। दिनांक 28.01.2019 को शासन को 1-E द्वारा शिकायत दर्ज की गई तत्पश्चात 07.02.2019 को पुनः संजय कोठारी द्वारा I-F द्वारा शिकायत दर्ज की गई। दिनांक 10.02.2019 को राकेश जी मारवाड़ी द्वारा शिकायत दर्ज की गई। दिनांक 12.02.2019 को अवन्तिका पार्श्वनाथ जैन श्वेताम्बर मूर्ति पूजक मारवाड़ी समाज ट्रस्ट रजिस्टर्ड नं. 24/77 पत्र क्रमांक 2019/108 में ट्रस्ट मण्डल द्वारा शिकायत पर आश्वासन पत्र दिया गया जिसमें पैरा क्रमांक 1 में प्रतिमा विराजमान विक्रम सम्वत 1485 का उल्लेख होना स्वीकार कीया गया है / पैरा क्रमांक 4 में चारो प्रतिमाओं जी का एक छत्री में विराजमान होना स्वीकार किया गया है पैरा क्रमांक 7 में तीनों प्रतिमाओं जी का उत्थापन (हटाना) स्वीकार किया गया / पैरा क्रमांक 8 में साधारण सभा का हवाला देकर स्वीकृति ली गई लेकिन 21.01.2001 के ट्रस्ट मण्डल की मिटिंग में उत्थापन (हटाने) ना हटाने का निर्णय लिया गया था एवं नवीन प्रतीमा विराजमान नहीं करने का निर्णय लिया गया। पैरा क्रमांक 10 में ट्रस्ट मण्डल ने ट्रस्ट के पूर्व निर्णय 21.01.2001 के अनुसार कोई नई प्रतिमा विराजमान नही करेंगे ऐसा स्वीकार किया है / (1-G) ट्रस्ट बोर्ड की मिटिंग 21.01.2001 रविवार शाम 05:00 बजे पारित प्रस्ताव की प्रोसेडिंग अनुसार बिन्दु क्रमांक 1 में प्रतिमा जी उत्थापन (हटाना) एवं शिखरबन्द मंदिर बनाना है जिसमें प्रतिमा जी को नही हटाना दर्शाया गया है / बिन्दु क्रमांक 2 में कोई नई प्रतिमा नही विराजीत करना दर्शाया गया है / बिन्दु क्रमांक 3 में किसी भी साधु सन्त आचार्य का नाम या शिलालेख नही लगाना दर्शाया गया है बिन्दु क्रमांक 4 द्वितीय तल पर प्राचीन प्रतिमा श्री महावीर स्वामी जी. श्री गौतम स्वामी जी आदि प्रतिमाओं को ही विराजमाना करना है। अन्य नवीन प्रतिमाओ को विराजमान नही करना दर्शाया गया है (1H) 1. आचार्य हेमसागर, जिनचन्द्र सागर जी के द्वारा अपनी आपत्ति दिनांक 02.02.2019 को दर्ज कि गई / 2. तपागच्क्षीय प्रवर समिति द्वारा दिनांक 10.02.2019 को आपत्ति दर्ज कि गई / 3. आचार्य विजय ऋषभचन्द्र सुरीजी द्वारा दिनांक 02.02.2019 को आपत्ति दर्ज की गई / 4. आचार्य मुक्तिसागर सुरीजी द्वारा दिनांक 02.02.2019 को आपत्ति दर्ज की गई /