________________ सामान्य गुण समकित : जैसा कि हमने पिछले पाठ में देखा कि अनंत गुणों का समूह द्रव्य है और द्रव्य जाति अपेक्षा छः प्रकार के होते हैं। जाति अपेक्षा भले ही द्रव्य छह प्रकार के हों और इसी कारण उनके गुणों में विविधता' भी हो, लेकिन हैं तो आखिर सभी द्रव्य ही, तो द्रव्य होने के नाते इनके कुछ गुणों में समानता भी होती है। प्रवेश : जैसे .......? समकित : जैसे हममें से कोई दिगम्बर, कोई श्वेताम्बर, कोई स्थानकवासी और कोई तेरापंथी है इसी कारण से हमारे रीति-रिवाज, बाहरी आचरण आदि में विविधता होती है लेकिन यह सब होने के बाद भी हम सब हैं तो आखिर जैन ही। अतः 24 तीर्थंकरों की मान्यता, अहिंसक जीवन-शैली, अध्यात्मिकता आदि अनेक गणों में हम सब में समानता पायी जाती है वरना किस आधार पर हम सभी जैन कहलायेंगे? प्रवेश : तो वे कौन सी समानतायें हैं जो सभी द्रव्यों में पायी जाती हैं ? समकित : छहों द्रव्यों में ऐसे अनेक गुण पाये जाते हैं जो समान हैं। इन गुणों को द्रव्य के सामान्य-गुण कहते हैं जो कि अनंत होते हैं। प्रवेश : भाईश्री! इनमें से कुछ प्रमुख सामान्य गुण बताईये न। समकित : कुछ प्रमुख समान्य गुण इस प्रकार हैं : 1. अस्तित्व गुण 2. वस्तुत्व गुण 3. द्रव्यत्व गुण 4. प्रदेशत्व गुण 5. अगुरुलघुत्व गुण 6. प्रमेयत्व गुण प्रवेश : भाईश्री ! कृपया एक-एक करके समझाईये ना समकित : आज नहीं कल। 1.diversity 2.similarity 3.customs 4.practices 5.lifestyle 6.spirituality 7.basis 8.common 9.common-attributes 10.major