________________ द्रव्य का स्वरूप समकित : जैसा कि हमने पिछले पाठ में देखा कि गुणों का समूह ही द्रव्य है और गुण की एक समय की अवस्था ही पर्याय है। साथ ही हमने यह भी देखा कि गुण शाश्वत और शुद्ध हैं और गुणों का समूह द्रव्य भी शाश्वत और शुद्ध है। यदि कुछ क्षणिक और अशुद्ध होता है तो वह है द्रव्य के गुणों की पर्याय। प्रवेश : द्रव्य कितने गुणों का समूह है ? समकित : हर-एक द्रव्य अनंत' गुणों का समूह है। प्रवेश : हर-एक गुण की कितनी पर्यायें होती हैं ? समकित : हर एक गुण की अनादि काल से लेकर अनंत काल तक एक के बाद एक अनंत पर्यायें होती रहती हैं, लेकिन एक समय में केवल एक पर्याय ही प्रगट रहती है, जिसको हम द्रव्य के गुण की वर्तमान-पर्याय कहते हैं / इस प्रकार अनंत पर्यायों का समूह गुण है। प्रवेश : क्या द्रव्य दो ही प्रकार के होते हैं जीव और अजीव ? समकित : हाँ, द्रव्य के प्राथमिक-भेद' तो यही हैं-जीव द्रव्य और अजीव द्रव्य। अब हम इनके प्रभेदों की चर्चा करते हैं। पहले जीव द्रव्य के तो कोई भेद होते ही नहीं, लेकिन अजीव द्रव्य जरूर पाँच प्रकार के होते हैं, जो कि हम इस चार्ट के द्वारा समझेगें: 1. जीव द्रव्य अजीव द्रव्य 1.infinite 2.apparent 3.present-state 4.primary-classificatios 5.subtypes 6.types 7.living objects 8.non-living objects