________________ भगवान बनेंगे समकित : तो प्रवेश, आज सोचकर आये जो कल मैंने तुमसे बोला था ? प्रवेश : जी भाईश्री! समकित : तो सुनाओ फिर ! प्रवेश : सम्यकदर्शन प्राप्त करेंगे। सप्त-भयों से नहीं डरेंगे। सप्त तत्व का ज्ञान करेंगे। जीव-अजीव पहिचान करेंगे / / स्व-पर भेदविज्ञान करेंगे। निजानन्द का पान करेंगे / / पंच प्रभु का ध्यान धरेंगे। गुरूजन का सम्मान करेंगे।। जिनवाणी का श्रवण करेंगे। पठन करेंगे, मनन करेंगे / / रात्रि भोजन नहीं करेंगे। बिना छना जल काम न लेंगे / / निज स्वभाव को प्राप्त करेंगे। मोह भाव का नाश करेंगे / / रागद्वेष का त्याग करेंगे। और अधिक क्या बोलो वीरों? भक्त नहीं, भगवान बनेंगे / / / समकित : बहुत बढ़िया। अब इसका अर्थ भी समझा दो। प्रवेश : जी भाईश्री ! भगवान पार्श्वनाथ की तरह मोक्ष जाने के लिये मुझे भी सबसे पहले उनकी तरह ही सम्यकदर्शन' प्राप्त करना है यानि कि स्वयं को जानना है, स्वयं में अपनापन करना है ताकि मैं हम भी पार्श्वनाथ भगवान की 1.self-belief