________________ समकित-प्रवेश, भाग-5 125 क्योंकि मिट्टी तो घड़े रूपी कार्य का त्रिकाली उपादन कारण है। त्रिकाली उपादान कारण से तो सिर्फ यह जानकारी मिलती है कि मिट्टी ही घड़े रूप परिणमित हो सकती है, हवा-पानी आदि नहीं। लेकिन इससे यह जानकारी नहीं मिलती कि मिट्टी कैसे और कब घड़े रूप परिणमित होगी। प्रवेश : फिर? समकित : लगता है तुमने चार्ट सही से नहीं देखा। उपादान कारण दो प्रकार के होते हैं : 1. त्रिकाली उपादान कारण (द्रव्य) 2. क्षणिक उपादन कारण (पर्याय) अब क्षणिक उपादान कारण भी दो प्रकार के होते हैं: 1. अनंतर पूर्व क्षणवर्ती पर्याय के व्यय-रूप क्षणिक उपादन कारण (पूर्व-पर्याय का व्यय) 2. तत्समय की पर्यायगत योग्यता-रूप क्षणिक उपादन कारण (कार्य-उत्पत्ति की योग्यता) इस तरह उपादन कारण कुल-मिलाकर तीन तरह के हो जाते हैं: 1. त्रिकाली उपादान कारण 2. अनंतर पूर्व क्षणवर्ती पर्याय के व्ययरूप क्षणिक उपादान कारण 3. तत्समय की पर्यायगत योग्यतारूप क्षणिक उपादान कारण प्रवेश : ओह ! मिट्टी ही घड़े रूप परिणमित हो सकती है, पानी आदि नहीं। यह त्रिकाली उपादन कारण बतलाता है ? समकित : हाँ और मिट्टी कैसे व कब घड़े रूप परिणमित होगी यह क्षणिक उपादन कारण बतलाता है। वह कैसे घड़े रूप परिणमित होगी वह अनंतर पूर्व क्षणवर्ती पर्यायरूप क्षणिक उपादन कारण बतलाता है / 1.transformed 2.end of previous state 3.occurance eligibility of that state