________________ 149; आवश्यकनियुक्ति 388; उत्तरपुराण 43; पासणाहचरिउ (वादिराजकृत) 9.95.5. 2. णेमी मल्ली वीरो कुमारकालम्मि वासुपुज्जो य पासो वि गहिदतवा सेसजिणा रज्जचरमम्मि।। तिलोयपण्णत्ति, 4.670. वीरं अरिट्ठनेमि, पासं मल्लिं च वासुपुज्जं च / एए मुत्तूण जिणे अवसेसा आसि रायाणो।। रायकुलेसुऽवि जाया विसुद्धवसेसु खत्तिअकुलेसु न य इत्थिआभिसेआ कुमारवासमि पव्वइआ।। आवश्यकनियुक्ति, 221-222. अन्यत्र देखें-- पउमचरियं 22; पद्मपुराण, 20.67; हरिवंश 60.214. 3. णाहोग्गवंसेसु वि वीरपासा। तिलोयपण्णत्ति, 4.550, इक्खगुवंस संभूय भूवइ भाल-तिलय भूओ आससेणो नाम नरवई / सिरिपासनाहचरियं / प्र0 3, पृ0 134; त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित, 9.3, पृ0 34. 4. वाराणस्यामभूत् विश्वसेनः काश्यपगोत्रजः / उत्तरपुराण, 73-75. मुणिसुव्वओ अ अरिहा अरिट्ठनेमी अ गोयमसगुत्ता। सेसा तित्थयरा खलु कासवगुत्ता मुणेयव्वा। आवश्यकनियुक्ति, 381. 5. तिलोयपण्णत्ति (चतुर्थ महाधिकार) 4.550, 548; भगवती आराधना 1944 टीका; मूलाचार 7.36-38, 129-133; उत्तरपुराण, 73 75,92. 6. उत्तराध्ययन 23वां अध्ययन, कल्पसूत्र 148-156; ऋषिभाषित अध्ययन 31; सूत्रकृताङ्ग 2.7.81; 1.6.28; समवायाङ्ग 9.4, 8.8, 16.4, 38.1, 100.4, स्थानाङ्गसूत्र 35, भगवतीसूत्र 10.9, 2.5; ज्ञाताधर्मकथा, आवश्यकनियुक्ति 236, 1241-1243; राजप्रश्नीयसूत्र, 167 190. 7. उत्तराध्ययनसूत्र, अध्ययन 23 8. सूत्रकृताङ्ग, सूत्र 2.7.71-81. 9. सूत्रकृताङ्ग, सूत्र 2.7.81 10. भगवतीसूत्र, 9.32.379, 10.9.76. 11. भगवतीसूत्र, 1.9.432-433. 12. देखें, अर्हत् पार्श्व और उनकी परम्परा, पृ0 36. 13. भगवतीसूत्र, 1.9.23. 14. आवश्यकनियुक्ति, 1241-1243. 15. बृहत्कल्पसूत्रभाष्य, उद्देश 6, भाष्यगाथा 6359-6364. 16. वही, भाष्यगाथा 6365-6369. 17. राजप्रश्नीयसूत्र, 167-190. 18. ऋषिभाषित, अध्ययन 31. 19. देखें, अर्हत् पार्श्व और उनकी परम्परा, पृ0 22. 20. मूलाचार, 7.36-38, 129-133. 21. तिलोयपण्णत्ति (चतुर्थ महाधिकार), 4.448-550. 22. चतुर्धा चतुर्यमभेदात् / तत्त्वार्थवार्तिक, 1.7 23. सङ्गहिय सयल-संजममेय-जममणुत्तरं दुरवगम्म। जीवो समुव्वहंतो सामाइय-संजमो होई। छेत्तूण य परियायं पोराणं जो ठवेइ अप्पाणं। पञ्चजमे धम्मे सो छेदोवट्ठावओ जीवो।। षट्खण्डागम, खण्ड 1, भाग 1, पृ0 372. 24. जैन साहित्य का इतिहास, पूर्वपीठिका, पृ0 395-399; 409-425. 25. स्थानाङ्गसूत्र, 266. 26. आचाराङ्गसूत्र, 150-152. 210