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________________ सिद्ध-सारस्वत highlight of his achievement is the well-deserved President's Award for Jainism. (5) He is a loving father, husband, son, brother and grandfather. When I follow his journey, it helps me to pursue my passion while being a loving parent and caring physician. (6) My father-in-law is an exapmle of true hard work, exemplary focus and a true go-getter. I hope that someday, I will be able to live my life to the fullest, just like him. Dr. Arti Jain Arti Paediatric Hospital, cuperina(U.S.A.) मेरे सास-ससुर मेरे माता-पिता श्री अभिषेक जैन मेरे पति और मित्र दोनों है। जीवन के हर उतार-चढ़ाव में उन्होंने मेरा साथ दिया है। जब मेरा विवाह हुआ तो मेरे मन में यह डर था कि मुझे ससुराल में मान-सम्मान और स्नेह मिलेगा या नहीं। मेरा ये सौभाग्य है कि मुझे अभिषेक जी जैसे पति के साथ-साथ माता पिता स्वरूप सास और ससुर जी मिले। मेरी ससुराल में पिताजी ने मुझे स्नेह भी दिया और मेरा मार्गदर्शन भी किया। पिता जी काफी सुलझे हुए पुरुष हैं और उन्होंने अपने जीवन के अनुभवों से हमेशा मार्गदर्शन किया है। पिता जी से मैंने जीवन में कर्मठता और ज्ञान का महत्त्व सीखा है। पिताजी में कुछ नया सीखने की उत्सकुता हमेशा रहती है। मुझे अभी भी वो समय याद हैं जब मैंने उन्हें 'आई पैड' चलाना सिखाया था तब आपने कहा था कि तुम मेरी गुरु बन गई। कितनी सरलता है उनमें / यद्यपि मैं स्वयं फाइनेंस के क्षेत्र से हूँ परन्तु हमारे भविष्य निधि के लिए पिताजी से ही राय लेती हूँ। आज हमारी एक प्यारी सी बच्ची जिसका नाम पिताजी ने रखा है 'अनिष्का जैन' यह नाम पूरे परिवार का जोड़ है। मै चाहती हूँ ऐसे माता-पिता सबको मिलें तथा पिताजी को खूब सम्मान मिले। श्रीमती नीलू जैन एरिया मेनेजर म्यूचुअल फंड, महेन्द्रा एण्ड महेन्द्रा, मुम्बई पंडितप्रवर सुदर्शन लाल जी जयवंत रहें आदरणीय पंडित जी के विषय में लिखने के पहले, मैं स्वयं के विषय में दो शब्द लिखना चाहूँगा। मैं भी पंडित जी की तरह बचपन में ही अपने पिता को खो चुका था। मेरी माँ ने ही अपने अथक परिश्रम से हम दो भाई और एक बहिन की परवरिश की। अपनी प्रतिभा और लगन से अध्ययन कर मैंने भोपाल के मौलाना आजाद कालेज ऑफ टेक्नोलॉजी से बी.ई. की डिग्री प्राप्त की तथा भारत एल्यूमिनियम कंपनी कोरबा (छत्तीसगढ़) में ए.जी.एम. के पद तक पहुँच कर रिटायर हुआ। मेरी भी उच्च शिक्षित चार सन्तानें हैं संजय जैन (अंग्रेजी से एम.ए. तथा व्याख्याता), प्रोफेसर डॉ. अजय जैन, पुत्री अंजू जैन (एम.एस.सी. केमिस्ट्री, बेलापुर)और अमित जैन (एम.ई. कम्प्यूटर, अमेरिका पोस्टेड)। मेरी पत्नी चंदा जैन धार्मिक गृहणी हैं तथा उनके मार्गदर्शन से बच्चों में सुसंस्कार का प्रादुर्भाव हुआ। उनके सहयोग के बिना बच्चों को योग्य बनाना मुश्किल था। मेरे दामाद इंजिनियर हैं बेलापुर, मुम्बई में कार्यरत हैं। पंडित जी की सुपुत्री डॉ. मनीषा जैन मेरी द्वितीय पुत्र की पुत्र वधू हैं / वह कुशल गृहिणी भी है। इस प्रकार हम समान बुद्धि के धारी (समधी) हैं। डॉ. मनीषा विदिशा मेडिकल कालेज में रीडर पद पर हैं। विलक्षण प्रतिभा के धारी, पंडित जी साहब प्राकृत और संस्कृत के अतुलनीय विद्वान् हैं, उनकी मेघा अकल्पनीय है। अपनी योग्यता से वह बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के डीन के पद पर पहुँचकर रिटायर हुए। भारत 120
SR No.035323
Book TitleSiddha Saraswat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudarshanlal Jain
PublisherAbhinandan Granth Prakashan Samiti
Publication Year2019
Total Pages490
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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