________________ टेलीविजन के यन्त्र उन तरंगों को ग्रहण करके उन्हें देखने योग्य चित्रों में बदल देते हैं, तभी हम टेलीविजन पर कार्यक्रम देख पाते हैं | एक्स-किरणें (X-Rays) हमारी त्वचा के भीतर देख लेती हैं, परन्तु हमारी आँखों में यह शक्ति नहीं है। इन्फ्रारेड किरणों (Infrared Rays) को हमारी आँखें देख नहीं पातीं परन्तु हमारी त्वचा उनकी गर्मी अनुभव करती है। यह सब कहने का हमारा तात्पर्य यही है कि यह विश्व और इसके क्रिया-कलाप केवल इतने ही नहीं हैं, जितने हम अपनी इन्द्रियों से ग्रहण कर पाते हैं तथा जितना आधुनिक विज्ञान ने हमको बतला दिया है / इसके विपरीत यह विश्व बहत ही अधिक विशाल और विलक्षण है और इसके अनेक क्रियाकलाप ऐसे हैं, जिनका रहस्य वैज्ञानिक भी अभी तक समझ नहीं पाये हैं। हम यहाँ पर इन्द्रियातीत ज्ञान व शक्ति के कुछ उदाहरण देते हैं * कई योगी योग-साधना के द्वारा अपने हृदय की शुद्धि व मन की एकाग्रता बढ़ा कर अतीन्द्रिय-शक्तियाँ प्राप्त कर लेते हैं और अपनी इच्छानुसार इन शक्तियों का उपयोग करते हैं / जिस प्रकार हम टार्च का प्रकाश जहाँ चाहें वहाँ फेंक सकते हैं, उसी प्रकार योगी भी अपनी इस अतीन्द्रिय शक्ति की टार्च की किरणें अपने इच्छित स्थल एवं काल पर फेंककर हजारों मील दूर की तथा भूत व भविष्य की घटनाओं को बहुत सरलता से जान लेते हैं / कभी-कभी ऐसा होता है कि किसी सामान्य व्यक्ति को भी भविष्य में घटने वाली किसी घटना का पूर्वाभास हो जाता है / 1) 6 अगस्त 1945 के दिन प्रातः नींद से जागते ही एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी से कहा "तीन महीनों में बेयओन (Bayonne) में बड़े धमाके के साथ दो-तीन लाख गैलन पैट्रोल जल उठेगा और अनेक व्यक्तियों के जीवन को भी खतरा हो जायेगा / परन्तु यदि समुचित सावधानी रखी जाये, तो यह दुर्घटना टल सकती है / '' इससे पहले उस व्यक्ति ने कभी बेयोन का नाम भी नहीं सुना था / अपने पुत्र से उसे ज्ञात हुआ कि बेयोन नगर न्यूजर्सी (अमरीका) में है और वहाँ स्टैन्डर्ड आयल कम्पनी का तेल-शोधक कारखाना कर्मग्रंथ (भाग-1) 24