________________ 1) त्रस चतुष्क-त्रस आदि चार 1) त्रस नाम 2) बादर नाम 3) पर्याप्त नाम और 4) प्रत्येक नाम / 2) स्थिर षट्क-1) स्थिर नाम 2) शुभ नाम 3) सुभग नाम 4) सुस्वर नाम 5) आदेय नाम 6) यश नाम / 3) अस्थिर षट्क-1) अस्थिर नाम 2) अशुभ नाम 3) दुर्भग नाम 4) दुःस्वर नाम 5) अनादेय नाम और 6) अपयश नाम / 4) स्थावर चतुष्क-1) स्थावर नाम 2) सूक्ष्म नाम 3) अपर्याप्त नाम 4) साधारण नाम 5) सुभग त्रिक-1) सुभगनाम 2) सुस्वर नाम 3) आदेय नाम 6) वर्ण चतुष्क-1) वर्ण नाम 2) गंध नाम 3) रसनाम 4) स्पर्श नाम 7) अगुरुलघु चतुष्क-1) अगुरुलघु नाम 2) उपघात नाम 3) पराघात नाम 4) उच्छ्वास नाम 8) त्रसद्विक-1) त्रस नाम 2) बादर नाम 9) त्रसत्रिक-1) त्रस नाम 2) बादर नाम 3) पर्याप्त नाम 10) त्रस षट्क-1) त्रस नाम 2) बादरनाम 3) पर्याप्तनाम 4) प्रत्येक नाम 5) स्थिर नाम 6) शुभ नाम / पिंड प्रकृति के उत्तर-भेद गइआइण उ कमसो, चउ-पण-पण-ति पण-पंच-छ-छक्कं / पण-दुग-पणढ़-चउ-दुग, इअ उत्तर भेय-पण सट्ठी ||30 / / शब्दार्थ __गइ आइण=गति आदि का, कमसो क्रमशः, चउ चार, पण पाँच, ति-तीन, छ-छह, छक्कं छह, दुग-दो, पण पाँच और आठ, इअ इस प्रकार, उत्तर भेय-उत्तर भेद, पण-सट्ठी-पैंसठ / गाथार्थ __ पहले कही गई नाम-कर्म की 14 पिंड प्रकृतियों के क्रमशः चार, पाँच, कर्मग्रंथ (भाग-1) 160