________________
स्थविरावली : विभिन्न शालाएं
३११
मूल :
थेरस्स णं अज्जरहस्स वच्छसगोत्तस्स अज्जपूसगिरी थेरे अंतेवासी कोसियगोत्ते । थेरस्स णं अज्जपूसगिरिस्स कोसियगोत्तस्सअज्जफग्गुमित्त थेरे अंतेवासी गोयमसगुत्ते ॥२२२॥
__ अर्थ-वात्स्यगोत्रीय स्थविर आर्य रथ के कौशिक गोत्रीय स्थविर आर्यपुष्यगिरि अन्तेवासी थे।
कौशिकगोत्रीय स्थविर आर्यपुष्यगिरि के गौतमगोत्रीय स्थविर आर्य फग्गुमित्त अन्तेवासी थे।
थेरस्म ण अज्जफग्गुमित्तस्म गोयमसगुत्तस्स । अज्जधणगिरी थेरे अंतेवासी वासिट्ठसगोत्ते ॥३॥ थेरस्स णं अज्जधणगिरिस्स वासिठ्ठसगोत्तस्स । अज्जमिवभूई थेरे अंतेवासी कुच्छसगोत्ते ॥४॥ थेरस्स ण अज्जसिवभूइस्स कुच्छसगोत्तस्स ।। अज्जभद्दे थेरे अन्तेवासी कासवगुत्ते ॥५॥ थेरस्म ण अजभहस्स कासवगुत्तस्स । अज्जनक्खत्ते थेरे अन्तेवासी कासवगुत्ते ॥६॥ थेरस्स णं अज्जनक्खत्तस्स कासवगुत्तस्स । अज्जरक्खे थेरे अन्तेवासी कासवगुत्ते ॥७॥ थेरस्स णं अज्जरक्खस्स कासवगुत्तस्स । अज्जनागे थेरे अन्तेवासी गोयमसगोत्ते ।।८।। थेरस्स णं अज्जनागस्स गोयमसगुत्तस्स । अज्जजेहिले हेरे अन्तेवासी वासिट्ठसगुत्ते ॥६॥ थेरस्स णं अज्जजेहिलस्स वासिठ्ठसगुत्तस्स । अज्जविण्ह थेरे अन्तेवासी माढरसगोत्ते॥१०॥ थेरस्स णं अज्जविण्हुस्स माढरसगुत्तस्स ।