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अल्प सूत्र अरहओ कोसलियस्स सुभहापामोक्खाणं समणोवासियाणं पंच सयसाहस्सीओ चउप्पन्न च सहस्सा उक्कोसिया समणोवासियाणं संपया होत्था। उसभस्स णं अरहओ कोसलियस्स चत्तारि सहस्सा सत्त सया पन्नासा चोहसपुव्वीणं अजिणाणं जिणसंकासाणं उक्कोसिया चोहसपुव्विसंपया होत्था । उसभस्स णं अरहओ कोसलियस्स नव सहस्सा ओहिनाणीणं उक्कोसिया संपया होत्था । उसभस्स णं अरहओ कोसलियस्स वीससहस्सा केवलणाणीणं उक्कोसिया संपया होत्था । उसभस्स णं अरहओ वीससहस्स छच्च सया वेउब्वियाणं उक्कोसिया संपया होत्था। उसभरस णं अरहओ कोसलियस्स बारससहस्सा छच्च सया पन्नासा विउलमईणं अड्ढाइज्जेसु दीवसमुद्देसु सन्नीणं पंचिदियाणं पज्जत्तगाणं मणोगए भावे जाणमाणाणं पासमाणाणं उक्कोसिया विपुलमइ संपया होत्था। उसभस्स णं अरहओ कोसलियस्स बारससहस्सा छच्च सया पन्नासा वाईणं संपया होत्था । उसभस्स णं अरहओ कोसलियस्स बीसं अंतेवासि सया सिद्धा, चत्तालीसं अज्जियासाहस्सीओ सिद्धाओ। बावीस सहस्सा नव य सया अणुत्तरोववाइयाणं गति कल्लाणाणं जाव भदाणं उक्कोसिया संपया होत्था ॥१६७॥
अर्थ-कौगलिक अर्हत् ऋषभ के चौरासी गण और चौरासी गणधर थे। कौशलिक अर्हत् ऋषभ के संघ में ऋषभसेन प्रमुख चौरासी हजार श्रमणों की उत्कृष्ट श्रमण संपदा थी। कोशलिक अर्हत् ऋषभ के समुदाय में ब्राह्मी आदि तीन लाख आयिकाओं की उत्कृष्ट आर्यिका सम्पदा थी। कौशलिक अर्हत् ऋषभ के समुदाय में श्रेयांस प्रमुख तीन लाख और पांच हजार श्रमणोपासकों की उत्कृष्ट श्रमणोपासक संपदा थी। कौगलिक अर्हत् ऋषभ के समुदाय में