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बोले विजयानन्द सूरि म्हारा व्हालाजी,
खीमचन्द के पास व्हालाजी। वल्लभ होगा जग वल्लभ म्हारा व्हालाजो,
जो श्री संघ की आश व्हालाजी ||४|| रहस्य मंत्री आज से म्हारा व्हालाजी,
थापू कर विश्वास व्हालाजी। वल्लभ म्हारा लाडलो म्हारा व्हालाजी,
होगा पट्टधर खास व्हालाजी ॥शा अहमदाबाद में आविया म्हारा व्हालाजी,
करता पाद विहार व्हालाजी । डॉक्टर हार्नल साहब का म्हारा व्हालाजी,
प्रश्नोत्तर का सार व्हालाजी ॥६॥ सौंपा वल्लभ विजय को म्हारा व्हालाजी,
___ प्रतिलिपि सुखकार व्हालाजी। हस्ताक्षर मोती समा म्हारा व्हालाजी,
निरखत हर्ष अपार व्हालाजी ॥७॥ आतम वल्लभ पामिया म्हारा व्हालाजी,
सद्गुरू गुण मंडार व्हालाजी। गम्भीरा समुद्र सम म्हारा व्हालाजी,
ऋषभ प्राणाधार व्हालाजी ॥
वल्लभ पामिया
सद्गुरू गुण
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