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________________ पनि मुान श्री नितिन बलवंत Eिa जय लि. । में विश्व की अनुपम विभूति,जवयुग प्रवर्तक,न्यायाम्भो मुनि श्रीमान श्री निधि,दादा प्रभावक,जैनाचार्य श्री श्री १००८ श्री मट सविनीत कि विजयानन्द सूरीश्वरजी (आत्माराम जी ) महाराज के VAC पट्टधर विश्व वत्सल अज्ञान तिमिर तरणि,कलिकाल । FE कल्पतरू,भारत दिवाकर,परमशाशन मान्य, संघ A E रक्षक , अनेक शिक्षण संस्याओं के प्रेरक.सूर सार्व .. माम, मरुधर रा.पंजाब केशरी,ज-यु.प्र. R निको भट्टारक परमपूज्य जैनाचार्य श्री श्री ooz ELAYE महाराजा मुनिश्री नविधी का दान शिष्य परिवार वकम.व. 2 मनि पी श्रीवतास विशुद्ध विचा ----.. THILHilliAilikamapian श्री शिवEिWAN नाना - विचक्षण विमुनि श्री शांति आचार्य विजय समुद्र सूरि 18SARILALTRADITrum समान श्री मिन वि. VITA R IANIm ERधीमलिश्री उपाध्याय श्री सोहन वि०, Pur मुनि चरण मुनि प्रा 4श्री सागरत देवेन्द्र IRCUIn uTIALA EMPSM सुधारत. विजयउमगस समनश्री जा आचार्य अनिल TRA K नन्दन वि. उदय वि. आचरMA आचार्य पूर्णविन्दमार ५ dि. मुनि श्री विवेक वि० ललितसरि महादरवन RULIamirmat 5 ज.युप्र.भट्टारक परमपूज WAN KAHANI मुनि श्री वि. A हेम वि. Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.035306
Book TitleYugpravar Shree Vijayvallabhsuri Jivan Rekha aur Ashtaprakari Puja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRushabhchand Daga
PublisherRushabhchand Daga
Publication Year1960
Total Pages126
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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