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________________ भरत और भारतवर्ष "Brahmanical Puranic Records prove Rishbha to be the father to that BHARTA FROM WHOM INDIA TOOK ITS NAME BHARATVARSHA." -Rev. J. Stevenson: Kalpasutra, Introd. P. XVI. कुछ विद्वानों का मत है कि हमारा देश चन्द्रवंशी राजा दुष्यन्त के पुत्र भरत के नाम पर भारतवर्ष कहलाता है। परन्तु यह भरत तो महाराजा पुरू की ३१ वीं पीढी में हुये हैं और महाराजा पुरू स्वयं शकुन्तला के पुत्र जन्म से केवल १५०० साल पहले हुये । वैदिककाल में भी इस देश का नाम भारतवर्ष था और ऋग्वेद के अनुसार हमारा देश पुरू के समय भी भारतवर्ष कहलाता था तो यह मानना पड़ेगा कि वे कोई दूसरे भरत थे कि जिनके नाम पर यह देश भारतवर्ष कहलाता है। 'शतपथ ब्राह्मण' नाम के प्रसिद्ध ब्राह्मण ग्रन्थ ने सूर्यवंशी बता कर इस भ्रम को बिल्कुल नष्ट कर दिया है कि चन्द्रवंशी दुष्यन्त के पुत्र भरत के नाम पर अपने देश का नाम भारतवर्ष पड़ा। __जैन धर्म के अनुसार प्रथम तीर्थङ्कर श्री ऋषभदेव जी के पुत्र प्रथम चक्रवर्ती सम्राट भरत जी के नाम पर अपने देश का नाम भारतवर्ष पड़ा । विष्णुपुराण,°, शिवपुराण, वायुपुराण', १. पं० जयचन्द जी विद्यालङ्कारः भारतीय इतिहास की रूपरेखा । २-३. स्वामी कर्मानन्द जीः भारत का आदि सम्राट. पृ० १ । ४. हिन्दुस्तान, नई दिल्ली, २० मार्च १६४६ और २५ सितम्बर १६४६ । ५. परिच्छिन्ना भरता अर्यकास"-ऋग्वेद मन्त्र १, सूक्त २३ । ६. महापुराण, भारतीय ज्ञानपीठ (काशी) भाग १ पृष्ठ २७ ( ७. ऋषभात् भरतो जशे ज्येष्ठ; पुत्रशताग्रज; । तस्य राज्य स्वधर्मेण तयेष्ट' वा विविधान् मखान् ।।२८॥ ततश्च भारतं वर्षमेतल्लोकेषु गीयते ॥३२॥ -विष्णुपुराण अश २ अ० १ । ४१० ] Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.035297
Book TitleVardhaman Mahavir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambardas Jain
PublisherDigambardas Jain
Publication Year
Total Pages550
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size134 MB
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