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वीर की महावीरता
मित्रों सहित खेलते थे बाग में श्री वर्द्धमान । एक देव बन कर सर्प आया लेने को इम्तहान || भय से भयानक सर्प के सब भाग गये मित्र । मगर फन पर पांव रखकर खड़े होगये भगवान ॥
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O.N.Po 2
— ब्रजबाला प्रभाकर
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