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________________ १४८ सन्निपात पर यमदण्ड रस ... १४९ सन्निपातादि पर वीरभद्र रस १५० सन्निपात पर सन्निपातगजांकुश १५१ सन्निरात पर सन्निपातविध्वंसक रस १५२ सन्निपात पर सन्निपातांजन १५३ सन्निपात पर सन्निपातान्तक रस १५४ सन्निपातादि पर सिद्धगणेश्वर रस १५५ स्फोटादि पर त्रिलोकचूडामणि रस १५६ सर्वज्वर पर चन्द्रोदय रस ... १५७ सर्वज्वर पर ज्वरांकुश रस ... १५८ सर्वज्वर पर मृत्युञ्जय रस ... १५९ सर्वज्वर पर विद्याधर रस ... १६० सर्वरोग पर प्रतापलंकेश्वर रस १६१ सर्वरोग पर मरीचादि वटी ... १६२ सर्वरोग पर मृत्युंजय रस ... १६३ सर्वरोग पर रसराज रस ... १६४ सर्वव्याधि पर उदयादित्यवर्ण रस १६५ हस्तिकर्ण तैल १६६ हृद्रोगादि पर सिद्ध रस .. १६७ क्षयकासादि पर अग्नि रस ... १६८ क्षयकासादि पर अग्नि रस ... १६९ क्षयरोग पर वजेश्वर रस ... १७० क्षयादि पर वनश्वर रस ... १७१ त्रिदोष पर महारस सिन्दूर ... १७२ त्रिदोषपारदादि योग ... Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com
SR No.035294
Book TitleVaidyasara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSatyandhar Jain
PublisherJain Siddhant Bhavan
Publication Year1942
Total Pages132
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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